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बायल पंचायत में अब नहीं बिकेगी शराब, ग्रामसभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित

बायल पंचायत ने एक और सराहनीय कदम उठाया है। जिससे अब बायल पंचायत में शराब भी नही बिक सकेगी। महिला सरपंच की अध्यक्षता में हुई ग्राम सभा की मीटिग में बहुमत से इसका प्रस्ताव पारित कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 03:55 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 03:55 PM (IST)
बायल पंचायत में अब नहीं बिकेगी शराब, ग्रामसभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित
बायल पंचायत में अब नहीं बिकेगी शराब, ग्रामसभा में बहुमत से प्रस्ताव पारित

संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी : इन दिनों महिला के हाथ में कमान वाली बायल पंचायत सराहनीय कार्यों की ओर अग्रसर है। महिला सरपंच ने गांव में कई ऐसे सामाजिक कार्यों को बढ़ावा दिया है। जिससे पूरा समाज लाभान्वित हो रहा है। यहां पंचायत ने एक और सराहनीय कदम उठाया है। जिससे अब बायल पंचायत में शराब भी नहीं बिक सकेगी। महिला सरपंच की अध्यक्षता में हुई ग्राम सभा की मीटिग में बहुमत से इसका प्रस्ताव पारित कर दिया है। शराब ठेका बंद होने से जहां नशे पर अंकुश लगेगा। वहीं समाज में सामंजस्य स्थापित हो सकेगा। बायल ऐसी पहली पंचायत बन गई है। जिसने बहुत अधिक बहुमत से शराब ठेका बंदी का सबसे पहले प्रस्ताव पारित किया है।

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ग्रामीण बिशबर दयाल, दीपेंद्र, पवन, पूर्व सरपंच लालसिंह, श्याम चंदेला, राजेश डेलीगेट व हनुमान आदि ने बताया कि बायल में एक बड़ा क्रशर जोन व खनन क्षेत्र है। यहां शराब का ठेका खुला होने से जहां नशे का कारोबार तेजी बढ़ रहा है। वहीं युवा पीढ़ी भी नशे की ओर तेजी से अग्रसर होने लगी है। जिससे गांव व समाज में अशांति का माहौल बनने लगा। शराब से लड़ाई-झगड़े होने पर अधिकतर परिवार टूटने लगे। नशे से गत दो वर्षों में आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ी है। इससे सरकार के शराब ठेका बंद करने पर पंचायतों को दी गई हिदायत पर बायल की महिला सरपंच प्रीति तंवर ने इस ओर कदम बढ़ाया। पंचायत भवन में मीटिग का आयोजन कर शराब ठेका बंदी का प्रस्ताव कर दिया। जिसमें ग्रामीण व युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। करीब साढ़े तीन सौ ग्रामीणों ने प्रस्ताव व हस्ताक्षर कर शराब ठेका बंद करने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति जताई। अभी तीन दिन बचे हैं शेष :

सरकार के निर्देशानुसार जो पंचायत अपने शराब का ठेका नहीं खुलवाना चाहती है। वे पंचायतें अभी 31 दिसंबर तक ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर सकती है। इसके बाद यह प्रस्ताव 15 जनवरी तक आबकारी विभाग को देना होगा। किसी भी पंचायत के दस प्रतिशत सदस्य भी ग्राम सभा का प्रस्ताव पारित कर सकते हैं। पहले प्रस्ताव पारित करने का समय पहली अप्रैल से 30 सितंबर किया हुआ था, लेकिन अब पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 31 में प्रावधान करके शराब ठेका बंदी का प्रस्ताव पारित करने की समय अवधि 31 दिसंबर किया गया है। वर्जन :

पंचायत में शराब ठेका बंदी को लेकर ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया गया है। दस प्रतिशत से अधिक महिलाओं व ग्रामीणों ने इस बारे में सहमति जताई है। शराब ठेका बंद होने से गांव में शांति का माहौल बनेगा और आपराधिक घटनाओं पर भी अंकुश लग सकेगा।

- प्रीति तंवर, सरपंच, ग्राम पंचायत बायल।


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