भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम की पहचान है कारगिल विजय
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर हकेंवि महेंद्रगढ़ में भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम को याद किया गया।
संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ : कारगिल विजय दिवस के अवसर पर हकेंवि महेंद्रगढ़ में भारतीय सेना के शौर्य व पराक्रम को याद किया गया। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड तीन में स्थित विद्या वीरता स्थल पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने दीप प्रज्वलित कर सेना के वीर योद्धाओं के बलिदान को याद किया। कुलपति ने कहा कि कारगिल युद्ध देश की सेना द्वारा लड़ा गया ऐसा युद्ध है। इसमें जीत साबित करती है कि हमारी सेना असंभव को संभव करने में सक्षम है। इस युद्ध में दुश्मन ऊंची पहाड़ियों पर बैठा था फिर भी हमारी सेना ने उसे खदेड़ने में कामयाबी हासिल की। इस अवसर पर प्रो. राजेश कुमार मलिक, प्रो. सतीश कुमार, प्रो. संजीव कुमार, प्रो. दीपक पंत, प्रो. दिनेश गुप्ता, डॉ. आनन्द शर्मा, डॉ. अजय कुमार बंसल, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. पवन त्यागी, डॉ. दिनेश चहल सहित राजेश जांगडा, संजय कुमार सिंह, सुभाष सिंह, बसर सिंह, संदीप कुमार आदि उपस्थित थे। कुलपति ने जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र नई दिल्ली व केंद्र की हरियाणा इकाई के द्वारा आयोजित कारगिल विजय दिवस पर केंद्रित ऑनलाइन कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कुलपति ने कहा कि यह कार्यक्रम कारगिल विजय की याद को ताजा करने वाला रहा। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनै ने कारगिल युद्ध के उन पहलुओं पर प्रकाश डाला जोकि इस जीत के कारक बने। कार्यक्रम के अध्यक्ष पद्मश्री जवाहर कौल ने भी जम्मू-कश्मीर के सामरिक महत्व पर प्रकाश डाला और पाकिस्तान व चीन से बने खतरे से निपटने के लिए सदैव तैयार रहने पर जोर दिया। ऑनलाइन कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के एकेडमी इंचार्ज अजय शर्मा, गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के उपकुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार सहित हकेंवि के विभिन्न विभागों के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी शामिल हुए।