इनेलो-बसपा के हरियाणा बंद का नारनौल में दिखा मिला-जुला असर
जागरण संवाददाता, नारनौल : इंडियन नेशनल लोकदल एवं बहुजन समाज पार्टी गठबंधन जनहित के मुद्दा का नारा देकर 8 सितंबर की हरियाणा बंद की काल का महेंद्रगढ़ जिले में मिला-जुला असर देखने को मिला।
जागरण संवाददाता, नारनौल : इंडियन नेशनल लोकदल एवं बहुजन समाज पार्टी गठबंधन जनहित के मुद्दों का नारा देकर 8 सितंबर की हरियाणा बंद की काल का महेंद्रगढ़ जिले में मिला-जुला असर देखने को मिला। जहां नांगल चौधरी एवं निजामपुर क्षेत्र में बंद को जहां व्यापक समर्थन मिला, वहीं नारनौल में इसका मिला-जुला असर रहा। महेंद्रगढ़, कनीना, सतनाली एवं अटेली में बंद आंशिक तौर पर दिखाई दिया।
इनेलो-बसपा गठबंधन की ओर से एसवाईएल का मामला लटकाने, बढ़ती महंगाई, पिटती कानून-व्यवस्था, बढ़ते डीजल, पेट्रोल एवं गैस के दामों समेत विभिन्न मुद्दों पर 8 सितंबर को हरियाणा बंद की कॉल की गई थी। यह कॉल पिछले मास 18 अगस्त को भी हुई थी, मगर तब पूर्व पीएम वाजपेयी के आकस्मिक निधन के चलते बंद को स्थगित कर दिया था। शनिवार को उसी बंद का आह्वान करने पर नारनौल शहर में मिला-जुला असर रहा। प्रात:काल से ही इनेलो-बसपा नेता टुकड़ियां बनाकर विभिन्न बाजारों में पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें सबसे पहले सब्जी मंडी में दुकानदारों खासकर मंडी प्रधान के विरोध का सामना करना पड़ा। मंडी व्यापारियों का कहना था कि किसी भी दल को बंद के समय ही उनकी याद क्यों आती है। वे किसी और दिन उनकी समस्याएं जानकर उन्हें हल कराने में मदद क्यों नहीं करती। दुकानदारों एवं बंद समर्थकों में काफी नोक-झोंक हुई। पर अंतत: बंद को कामयाबी मिल गई। जैसे-जैसे सूरज चढ़ने लगा, मंडी के अनेक दुकानदारों ने पल्ला समेटना शुरू कर दिया। सब्जी मंडी बंद का जिम्मा इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी कमलेश सैनी, उनके पति रघुवीर सैनी, जय¨सह सैनी, रामचंद्र सैनी, हरीराम सैनी, बजरंग लाल अग्रवाल व धर्मबीर यादव आदि ने संभाला। सब्जी मंडी के अतिरिक्त वहां के मुख्य बाजार, मानक चौक, पुल बाजार, महावीर चौक मार्ग, ¨सघाना रोड, बस स्टैंड रोड व महेंद्रगढ़ रोड की दुकानों को बंद कराने के लिए इनेलो-बसपा नेता बार-बार घूमते रहे और दुकानदारों से अपील करते रहे। हालांकि बंद की सूचना के बावजूद अनेक दुकानदार एवं व्यापारी अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर समयानुसार पहुंचे, मगर उनमें से अधिकांश ने बंद के समर्थन में दुकानें बंद ही रखी तो कई दुकानदार ऐसे भी थे, जो बंद से नाराज दिखाई दिए और अपील कर रहे नेताओं से ही उलझ गए। बंद का असर नई अनाज मंडी एवं साथ लगती काठ मंडी एवं लोहा मार्केट में न के बराबर दिखाई दिया। जैसे-जैसे दोपहर हुई, तब तक प्रात:काल की तुलना में बाजार खुलने लगे, लेकिन तब तक ग्राहक नदारद हो चुके थे। हालांकि शाम होते-होते शहर से गुजरते प्रमुख मार्गो पर सामान्य स्थिति बनती चली गई।
इस बंद को सफल बनाने में वरिष्ठ नेता राव होशियार ¨सह, सतबीर बडेसरा एडवोकेट, जसबीर ढिल्लो एडवोकेट, जिला प्रवक्ता एवं व्यापारी नेता बजरंगलाल अग्रवाल, जिला महासचिव छोटेलाल गहली, पूर्व एसई सुख¨वद्र यादव, शहरी प्रधान सत्यनारायण गुप्ता, सुरेंद्र पटीकरा, व्यापार प्रकोष्ठ के प्रधान केदार गर्ग, ¨सकदल गहली, विजय छिलरो, जोगेंद्र बडेसरा, सतपाल छिलरो, ओमप्रकाश सोनी, राजकुमार महता, सूरज ढिल्लो, सुमित्रा सोनी, अशोक सैनी, बीर¨सह गहली, एडवोकेट प्रदीप भांखर, विजयपाल एडवोकेट, बिल्लू बापड़ोली, प्रदीप हुडीना, मोनू यादव, गौरीशंकर, अनिल, राजवीर बडेसरा, नर¨सह दायमा, सरदार नौनिहाल ¨सह, बसपा से हवा¨सह बौद्ध, पूर्व पार्षद निर्मला देवी, परसराम कारोतिया, रविशंकर बडगुर्जर, नवीन राव, केशव संघी एडवोकेट, सफी मोहम्मद, रोशनलाल सैनी, गंगाराम सैनी, मुकेश मित्तल, परसराम कारोतिया, रामौतार मुकदम व भोजराज यादव के टीम के रूप में सड़कों पर घूमते रहे। कुल मिलाकर देखा जाए तो नारनौल में बंद को जितनी सफलता मिली, उतनी उम्मीद नहीं की जा रही थी। इस पर इनेलो-बसपा अपनी पीठ भी थपथपाते रहे। इस बंद को सफलता को बताते हुए जिला प्रधान सतबीर यादव ने जिला के व्यापारियों, ट्रेड यूनियनों एवं पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।