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विभाजन की विभीषिका से हम सभी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ में शनिवार को विभाजन विभीषिक स्मृति दिवस पर एक प्रदर्शनी एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 04:49 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 04:49 PM (IST)
विभाजन की विभीषिका से हम सभी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं
विभाजन की विभीषिका से हम सभी भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ में शनिवार को विभाजन विभीषिक स्मृति दिवस पर एक प्रदर्शनी एवं व्याख्यान का आयोजन किया गया।

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भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आइसीएचआर), नई दिल्ली और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए), नई दिल्ली के सहयोग से इस प्रदर्शनी का आयोजन विश्वविद्यालय के इतिहास एवं पुरातत्व विभाग द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आइसीएचआर के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो. रघुवेंद्र तंवर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की।

विश्वविद्यालय के शैक्षणिक खंड तीन में आयोजित इस प्रदर्शनी की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि विभाजन विभीषिक स्मृति दिवस पर आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्देश्य लोगों को विभाजन के समय हुई हिसा और विस्थापन के बारे में अवगत कराना है। इस प्रदर्शनी में विभाजन के दौरान की स्मृतियों को चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है। विभाजन की विभीषिका से हम सभी कहीं न कहीं भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विभीषिका को भारतीय इतिहास में न भूले जाने वाली घटना बताते हुए विभाजन विभीषिका-स्मृति दिवस मनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पद्मश्री प्रो. रघुवेंद्र तंवर ने कहा कि विभाजन के समय जो विभीषिका देशवासियों ने सहन की, उसका मार्मिक ²श्य प्रदर्शनी में देखने को मिला। सभी भारतवासी अखंड भारत चाहते थे, लेकिन अंग्रेजों द्वारा विभाजन की रेखा खींची गई। फलस्वरूप भारत का विभाजन हो गया। विभाजन के मार्मिक ²श्य की कल्पना मात्र से ही शरीर में सिरहन पैदा हो जाती है।

इस अवसर पर प्रो. तंवर ने विभाजन विभीषिका पर लगाई गई प्रदर्शनी के साथ इतिहास एवं पुरातत्व विभाग द्वारा खोदाई में प्राप्त वस्तुओं को भी देखा। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार, प्रो. सुनीता श्रीवास्तव, प्रो. अमर सिंह, डा. नरेंद्र परमार, डा. अभिरंजन कुमार, डा. ईश्वर परिदा, डा. कुलभूषण, डा. कर्ण सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

प्रो. रघुवेंद्र तंवर ने विश्वविद्यालय के नवाचार एवं उद्भवन केंद्र का भी दौरा किया। उन्होंने केंद्र में चल रही नवाचार गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और संयोजक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव के मार्ग दर्शन में केंद्र द्वारा किए जा रहे पर्यावरण हितैषी कार्यों की सराहना की। उन्होंने स्कूली बच्चों से भी मुलाकात की।


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