दो वर्ष में बांटी साढ़े पांच लाख एलइडी, तीन लाख खराब
बिजली निगम की उजाला योजना एनर्जी एफीसीएसी सर्विसेज लिमिटेड के अंतर्गत रियायती दर पर बांटी गई एलइडी को लेकर जिले के हजारों उपभोक्ता निगम कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। दो वर्ष में इइएसएल कंपनी ने जिला में साढ़े पांच लाख एलइडी बल्ब उपभोक्ताओं को 75 रुपये प्रति वल्ब की दर से बांटी थी। इनमें से करीब तीन लाख वल्ब खराब हो चुके है। ये वल्ब एलइडी बल्ब कंपनी की ओर से तीन वर्ष की गारंटी पर दिए गए थे, लेकिन कंपनी ने बीच में ही माल देना बंद कर दिया।
सुनील कुमार, नारनौल :
बिजली निगम की उजाला योजना एनर्जी एफीसीएसी सर्विसेज लिमिटेड के अंतर्गत रियायती दर पर बांटी गई एलइडी को लेकर जिले के हजारों उपभोक्ता निगम कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। दो वर्ष में इइएसएल कंपनी ने जिला में साढ़े पांच लाख एलइडी बल्ब उपभोक्ताओं को 75 रुपये प्रति वल्ब की दर से बांटी थी। इनमें से करीब तीन लाख वल्ब खराब हो चुके हैं। ये वल्ब एलइडी बल्ब कंपनी की ओर से तीन वर्ष की गारंटी पर दिए गए थे, लेकिन कंपनी ने बीच में ही माल देना बंद कर दिया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कंपनी ने दो वर्ष में जिला उपभोक्ताओं से एलइडी की एवज में चार करोड़ 20 लाख रुपये वसूल किए थे, लेकिन अब जिले में करीब खराब तीन लाख एलइडी वल्ब बदलने वाला कोई नहीं होने से उपभोक्ता परेशान हैं। उपभोक्ता निगम के धक्के खा रहे है, अधिकारियों तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई सीधा जवाब देने को तैयार नहीं है। बता दें कि उजाला योजना के तहत निगम ने लिमिटेड कंपनी से समझौता कर बिजली खर्च को बचाने के लिए प्रदेशभर में सब्सिडी पर 75 रुपये में एक एलइडी बल्ब देने की स्कीम चलाई थी। स्कीम के तहत एक मीटर पर एक उपभोक्ता 10 एलइडी वल्ब ले सकता था। कंपनी से सरकारी एग्रीमेंट के अनुसार उपभोक्ताओं को 75 रुपये में दी जाने वाली एलइडी तीन वर्ष में बदलने की गांरटी दी गई थी। एक तो बाजार से कम मूल्य व दूसरा गारंटी भी बाजार से अधिक होने के चलते उपभोक्ताओं को स्कीम रास आई। कंपनी के रिकार्ड के अनुसार दो वर्ष में कंपनी ने जिला में करीब साढ़े पांच लाख एलइडी वल्ब उपभोक्ताओं को बेचे। वल्बों में डिफेक्ट होने के चलते ये जल्द ही खराब होने लग गए। इसी बीच कंपनी ने सप्लाई को बीच में ही छोड़ दिया। सप्लाई बीच में बंद होने के चलते उपभोक्ता एलइडी वल्ब बदलवाने के लिए धक्के खाने को मजबूर हैं। नारनौल में अब आए दिन उपभोक्ता निगम अधिकारियों के पास चक्कर लगाते हैं जिस पर उनको जवाब मिलता है कंपनी ने बीच में टेंडर छोड़ दिया है। उपभोक्ताओं की सुनने वाला कोई नहीं है।
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वर्जन:
जिस ठेकेदार ने ठेका लिया था उसकी तय अवधि खत्म होने के कारण सप्लाई नहीं आ रही हैं। दूसरी एजेंसी का चयन कर लिया गया है। 10 दिन के अंदर सारी औपचारिकताएं पूरी कर उपभोक्ताओं के एलइडी वल्ब बदले जाएंगे।
--पंकज कुमार, नारनौल हेड इंजीनियर, इइएसएल कंपनी।