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एनएच के लिए अधिग्रहण की जा रही जमीन की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग

-डीसी से मिले विभिन्न गांवों के ग्रामीण जागरण संवाददाता, नारनौल : गांव बड़गांव, बड़कोदा व कुतबापुर के किसानों ने शनिवार को सीटीएम वकील अहमद को एक ज्ञापन सौंपकर नेशनल हाइवे नंबर 11 व 152डी के लिए अधिग्रहण की गई जमीन की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की। सीटीएम को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण सुरेश, उमेद, कर्ण¨सह, जगमाल ¨सह, लालचंद, जगदीश, महेंद्र कुमार, सरजीत ¨सह, बहादुर ¨सह, विक्रम ¨सह, अभय ¨सह, करतार ¨सह, जसवंत, मुसद्दीलाल आदि ने कहा कि सरकार ने नेशनल हाइवे के लिए उनकी जमीन अधिग्रहण की है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 04:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 04:48 PM (IST)
एनएच के लिए अधिग्रहण की जा रही जमीन की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग
एनएच के लिए अधिग्रहण की जा रही जमीन की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग

जागरण संवाददाता, नारनौल : गांव बड़गांव, बड़कोदा व कुतबापुर के किसानों ने शनिवार को सीटीएम वकील अहमद को एक ज्ञापन सौंपकर नेशनल हाइवे नंबर 11 व 152डी के लिए अधिग्रहण की गई जमीन की मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की।

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सीटीएम को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीण सुरेश, उमेद, कर्ण¨सह, जगमाल ¨सह, लालचंद, जगदीश, महेंद्र कुमार, सरजीत ¨सह, बहादुर ¨सह, विक्रम ¨सह, अभय ¨सह, करतार ¨सह, जसवंत, मुसद्दीलाल आदि ने कहा कि सरकार ने नेशनल हाइवे के लिए उनकी जमीन अधिग्रहण की है। जिसकी मुआवजा राशि 32 लाख 48 हजार रुपये निर्धारित की है जोकि बहुत ही कम है। जबकि उनके गांव के साथ लगते हुए गांव नीरपुर व सुरना की जमीन का भी अधिग्रहण किया गया है। जोकि उनके खेतों के साथ लगती है। उनकी मुआवजा राशि 1 करोड़ 72 लाख रुपये रखी गई है। जबकि उनकी जमीन नहर के पास लगने के कारण काफी उपजाऊ है और उनके गांवों के 90 प्रतिशत लोग कृषि पर भी आश्रित हैं। पिछले कई वर्षों के दौरान केवल चार ही किसानों ने अपनी जमीन बेची है। कोई भी किसान अपनी जमीन बेचने में बेइज्जती महसूस करता है। इस कारण हमारी जमीन के कलेक्टर रेट बहुत कम हैं, लेकिन उनके गांवों की जमीनों के साथ लगती हुई दूसरे गांवों की सीमाएं जैसे लहरोदा, नसीबपुर, नीरपुर व सुराना की जमीनों के रेट बहुत ज्यादा हैं। इस प्रकार एक ही प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहण की जा रही जमीन का 1 करोड़ 72 लाख रुपये के हिसाब से ही मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि उनके गांवों के किसान पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं और अब उन्हें जमीन की मुआवजा राशि कम दी गई तो वे आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे। जिसका जिम्मेवार स्वयं प्रशासन होगा। इसलिए उन्हें मुआवजा 1 करोड़ 72 लाख रुपये के हिसाब से ही दिया जाए।


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