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नाइजीरिया में बंधक बनाया गया डेरोली अहीर का जवान सकुशल लौटा घर

तेल माल वाहक जहाज से नाइजीरिया में समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत किया गया ग्राम डेरोली अहीर (खंड महेंद्रगढ़) सकुशल वापस घर लौट आया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jan 2020 06:12 AM (IST)
नाइजीरिया में बंधक बनाया गया डेरोली अहीर का जवान सकुशल लौटा घर
नाइजीरिया में बंधक बनाया गया डेरोली अहीर का जवान सकुशल लौटा घर

जागरण संवाददाता, नारनौल : तेल माल वाहक जहाज से नाइजीरिया में समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत किया गया ग्राम डेरोली अहीर (खंड महेंद्रगढ़) का जयसिंह सकुशल वापस घर लौट आया है। गत 3 दिसंबर को नाइजीरिया में अपहृत किए गए समुद्री जहाज में कुल 19 लोग सवार थे, जिनमें से 18 भारतीय एवं एक टर्की का रहने वाला था। जयसिंह के सकुशल लौटने पर उसके परिवारजनों ने राहत की सांस ली है। उनके घर पहुंचने पर ग्रामीण एवं रिश्तेदार भी जवान से मिलने उनके घर पहुंचे।

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गौरतलब हो कि गत 3 दिसंबर को हांगकांग से एक समुद्री जहाज कच्चा तेल लेने के लिए अफ्रीका महाद्वीप के देश नाइजीरिया गया था। जब जहाज तेल भरकर लौट रहा था, तब समुद्र में ही वहां के डाकुओं ने उसका अपहरण कर लिया था। डाकुओं ने जहाज को काबू करने के साथ ही उस पर सवार सभी लोगों को बंधक बना लिया। बंधक बनाए गए लोगों को वहां के जंगलों में गुप्त स्थानों पर रखा गया। जंगलों में दलदल भी बना था। जब इसकी जानकारी जयसिंह के परिवारजनों को लगी तो वह परेशान हो गए थे। उनके पिता सुरेंद्र पंच एवं परिवारजनों ने उनकी रिहाई के लिए न केवल कंपनी से संपर्क साधे रखा, बल्कि विदेश मंत्रालय से भी निरंतर जुड़े रहे। हालांकि सुरेंद्र पंच ने रिहाई से पहले भी कंपनी एवं भारत सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बेटे के छूटकर आने का भरोसा जताया था और अब वह सकुशल लौट आया है।

पिता सुरेंद्र पंच ने बताया कि जयसिंह के लौट आने की जानकारी उन्हें 23 दिसंबर को ही मिल गई थी। इसके लिए वह कंपनी एवं भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं। अपहृत किए गए जवानों को छोड़ने के बारे में उन्हें ज्यादा कुछ बताया नहीं गया है, लेकिन सभी 19 को सकुशल छोड़ दिया गया है। भूमि विकास बैंक के चेयरमैन सुनील यादव ने भी उनके घर जाकर जयसिंह से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम जाना।

जयसिंह मर्चेंट नेवी में बतौर थर्ड अफसर कार्यरत है। उन्होंने बस इतना ही बताया कि उन्हें जंगलों में रखा जाता था, जहां दलदल था। उन्होंने सिक्रेसी का हवाला देकर और जानकारी देने से साफ मना कर दिया।

बता दें कि ग्राम डेरोली अहीर निवासी करीब 26 वर्षीय जयसिंह वर्ष 2012 में मर्चेंट नेवी में भर्ती हुआ था और मुंबई की एंग्लो इस्टर्नशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में मर्चेट नेवी में थर्ड अफसर के पद तैनात है। गत दो अक्टूबर को गांव डेरोली अहीर से दिल्ली गया था। दिल्ली से ही वह सीधा हवाई जहाज के जरिए हांगकांग (सिगापुर) कंपनी चला गया था। वहां से कंपनी का समुद्री जहाज अफ्रीकन कंट्री नाइजीरिया के लिए कच्चा तेल लेने चला था। मगर जब जहाज तेल लेकर लौट रहा था, तब 3 दिसंबर की रात को नाइजीरिया तट के पास समुद्री लुटेरों ने जहाज का अपहरण कर लिया था।


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