कांग्रेस का सत्याग्रह नहीं दुराग्रह है: सत्यव्रत शास्त्री
भारतीय सेना द्वारा प्रस्तावित अग्निपथ योजना का भारत सरकार का स्वीकार करना एक राष्ट्र हित की बात है जबकि कांग्रेस इस योजना का विरोध कर रही है। जो राष्ट्र हित में नहीं है।
जागरण संवाददाता, नारनौल: भारतीय सेना द्वारा प्रस्तावित अग्निपथ योजना का भारत सरकार का स्वीकार करना एक राष्ट्र हित की बात है, जबकि कांग्रेस इस योजना का विरोध कर रही है। जो राष्ट्र हित में नहीं है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सत्यव्रत शास्त्री ने कहा कि अग्निपथ योजना के लिए कांग्रेस का सत्याग्रह नहीं है बल्कि दुराग्रह है। क्योंकि सेना के उच्च अधिकारियों ने एक लंबे समय तक विचार-विमर्श तथा कई देशों की सेनाओं के अंदर हो रहे बदलाव का अध्ययन करने के बाद अग्निपथ योजना को सरकार के पास भेजा था। जिसे भारत सरकार ने एक स्वर से स्वीकार कर लिया।
भाजपा की सरकार राष्ट्रहित के मुद्दों को प्राथमिकता देती है और राष्ट्र की सुरक्षा का समीक्षा करना सेना का दायित्व है। सेना के अधिकारियों द्वारा जिस प्रकार की आवश्यकता महसूस की जाती है उस आवश्यकता की पूर्ति की जिम्मेवारी सरकार की होती है। कांग्रेस के लोग भारतीय सेना के वर्तमान अधिकारियों तथा सेवानिवृत्त अधिकारियों को अपमानित कर रहे हैं। यह देश के लिए भी दुर्भाग्य है, लेकिन उससे ज्यादा दुर्भाग्य कांग्रेस के लिए है। कांग्रेस ने यह अपमान पहली बार नहीं किया बल्कि अनेक बार सेना की क्षमता पर तथा उसकी राष्ट्र भक्ति पर प्रश्न या शंका उठाई है। इन सुधारों को भारतीय सेना काफी लंबे समय से महसूस कर रही थी, जिसकी आज पूर्ति हो रही है। कांग्रेस आज अग्निपथ के लिए जो सत्याग्रह कर रही है, वास्तव में वह तथ्यों से समझौता कर घरों से निकले हैं। यदि इन अग्नि वीरों के चार साल के कार्यकाल के दौरान उन को होने वाले लाभ देखे जाएं तो उनके जीवन का स्वर्णिम काल है। आज युवाओं को यह समझना होगा कि कांग्रेस के सत्याग्रह को स्वीकार करना है या भाजपा और सेना के द्वारा दिए गए उपहार को स्वीकार करना है। कांग्रेस पार्टी महेंद्रगढ़ के द्वारा जिले में किए गए आज के प्रदर्शनों से यह स्पष्ट हो गया कि जनता उनके साथ नहीं है। उनके साथ केवल उनके कुछ कार्यकर्ता ही थे। जनता का और नौजवानों का कही-कही समर्थन दिखाई नहीं दिया।