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बच्चे के इलाज में लापरवाही से मौत होने की शिकायत एसपी को

जागरण संवाददाता, नारनौल : ग्राम स्याणा  निवासी सत्यवान शर्मा ने एसपी को लिखित शिकायत देकर उ

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 07:51 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 07:51 PM (IST)
बच्चे के इलाज में लापरवाही से मौत होने की शिकायत एसपी को
बच्चे के इलाज में लापरवाही से मौत होने की शिकायत एसपी को

जागरण संवाददाता, नारनौल : ग्राम स्याणा  निवासी सत्यवान शर्मा ने एसपी को लिखित शिकायत देकर उसके बच्चे के इलाज में चिकित्सक द्वारा लापरवाही बरतने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। एसपी ने उन्हें मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

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सत्यवान शर्मा ने बताया कि उसका करीब सात वर्षीय बेटा दीपांशु  दूसरी कक्षा का छात्र था तथा उसको गत 27  जुलाई को रात्रि करीब साढ़े नौ बजे बुखार  हो गया था। बुखार होने पर उसे गांव सेहलंग  में एक चिकित्सक को दिखाया, जिस पर उन्होंने बच्चे को 107  डिग्री बुखार होने की बात कही और उसे बिना प्राथमिक इलाज दिए डुलाना रोड पर बने संतोष चाइल्ड  एंड मल्टीस्पेशलिटी  अस्पताल भेज दिया। उन्होंने बताया कि बच्चे को जब संतोष अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सक ने बच्चे को करीब 12  बजे आइसीयू  में दाखिल कर लिया तथा उसे 98  डिग्री बुखार होना बताया। उन्होंने बताया कि चिकित्सक ने आइसीयू  की फीस रात्रि को 15  हजार तथा दिन में 10  हजार रुपये लगने की बात कही। इस पर 15  हजार रुपये जमा करा दिए गए। उन्होंने 400  रुपये बच्चे को देखने व 4000  रुपये टेस्ट करने के भी ले लिए। सत्यवान ने बताया कि रात्रि करीब एक बजकर 40  मिनट पर बच्चे की रिपोर्ट आई, तब चिकित्सक ने उसे देखकर कहा कि रिपोर्ट ठीक है। घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि 28  जुलाई को करीब साढ़े सात बजे डाक्टर ने उनसे बच्चे की एमआरआई  कराने को कहा, लेकिन उस समय बच्चा मर चुका था। किन्तु इसके बाद भी जब  वे एमआरआइ के लिए रेवाड़ी  गए तो वहां के चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया और कहा कि इसकी मौत दो-तीन घंटे पहले ही हो चुकी है। बच्चे के पिता ने शिकायत में अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज  में लापरवाही बरतने तथा सच्चाई छुपाने का आरोप लगाया है। एसपी विनोद कुमार ने उन्हें मामले की जांच कराकर चिकित्सक के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। सत्यवान शर्मा ने बताया कि इस बाबत महेंद्रगढ़  थाने में भी शिकायत दी गई है, लेकिन अब तक उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की है। ''ईलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। आरोप झूठे एवं बेबुनियाद हैं। बच्चा सीरियस  हालत में लाया था। उसे तेज बुखार था और दौरे पड़ रहे थे। उसे बहुत ज्यादा इंफेक्शन  था। तभी उन्हें बच्चे का एमआरआइ कराने के लिए कह दिया था, लेकिन तब उनके पिता ने मानवता की दुहाई देते हुए एडमिट  कर इलाज करने की बात कही थी। सुबह तक बच्चा ठीक था और अभिभावक उसे ठीक हालत में रेवाड़ी  लेकर गए थे। नाईवाली  फाटक के पास बच्चे को पुन: दौरे पड़े हैं। जिससे वहीं उसकी मौत हो गई। मुझे नहीं पता था कि मानवता की कीमत इतनी बड़ी चुकानी पड़ेगी। अब मुझे ही फंसाया जा रहा है।

- डा. कृष्ण कुमार, संतोष अस्पताल।


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