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लॉकडाउन तोड़ सरसों बेचने आए व्यक्ति व भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सरसों की सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद में रोज नए कारनामे उजागर हो रहे हैं। अब नया मामला बिना इजाजत राजस्थान से सरसों लाने का मामला आया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 07:10 PM (IST)Updated: Sat, 02 May 2020 06:14 AM (IST)
लॉकडाउन तोड़ सरसों बेचने आए व्यक्ति व भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज
लॉकडाउन तोड़ सरसों बेचने आए व्यक्ति व भाजपा नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जागरण संवाददाता, नारनौल : सरसों की सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद में रोज नए कारनामे उजागर हो रहे हैं। अब नया मामला बिना इजाजत राजस्थान से सरसों लाने का आया है। यह सरसों नांगल चौधरी रोड स्थित भाजपा नेता एवं आइटीआइ के चेयरमैन सुरेश चौधरी की तेल मिल महालक्ष्मी एग्रो प्रोडक्ट्स पर पहुंची थी। सूचना पर नारनौल के एसडीएम मनीष फौगाट ने छापा मारा तो वहां सरसों उतारी जा रही थी। इस पर मार्केट कमेटी के सचिव की ओर से पुलिस में शिकायत देने पर चालक व मिल मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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उल्लेखनीय है कि अबकी बार सरसों की सरकारी बिक्री में रोजाना कोई न कोई गड़बड़ी उजागर हो रही है। जबकि सरकार ने किसानों को पहले पंजीकृत करने और केवल उन्हीं की सरसों खरीदने का प्रावधान किया था, मगर इसमें सरकार की योजना फेल हो गई। सरकार ने तय किया था कि जो किसान मेरी फसल मेरा ब्योरा के तहत फसल पंजीकृत कराएंगे, केवल उनकी ही सरसों खरीदी जाएगी। मगर चालाक किस्म के सौदागरों ने सरकार की इस योजना पर पानी फेर दिया। इसका सबसे बड़ा कारण पंजीकरण में ही गड़बड़ी करना रहा। क्योंकि सरकार ने ऑनलाइन जिन खेतों के खसरा नंबर पोर्टल पर डाल रखे थे, उनमें से किसी भी नंबर का दुरुपयोग करने की पूरी गुंजाइश थी। जिस सौदागर ने जिस किसी किसान की सरसों पंजीकृत की, उसने खेत की जमीन अपने खाते में दर्शा दी। इस कारण जिस किसान का खेत था, वह तो सरसों बेच नहीं पाया, लेकिन पहले नंबर आने से फर्जी सौदागर सरकार को सरसों बेचने में कामयाब हो गए। इन्हीं नंबरों का ही परिणाम था कि कोरियावास में जिस जगह पर मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन है, उन खसरा नंबरों को भी चालाक सौदागरों ने अपने खेत दिखाकर सरकार को सरसों बेच दी। जबकि उन खसरा नंबरों पर कॉलेज बन रही है तो सीधी सी बात है कि सरसों पैदा ही नहीं हुई, मगर सरसों राजस्थान के सस्ते दामों में ले लाए और पटवारियों की मिलीभगत से उस सस्ती सरसों को 4425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरसों को बेच दिया। राजस्थान की सरसों लाकर बेचने से प्रशासनिक अधिकारी भी बेहद नाराज थे और नाकों पर सख्ती बढ़ाई, लेकिन कामयाब नहीं हुए।

इसी के चलते शुक्रवार को भुंगारका गांव के रास्ते सरसों भरकर एक वाहन नारनौल के नांगल चौधरी रोड स्थित महालक्ष्मी तेल मिल पर पहुंच गया। वहां जब सरसों उतारी जा रही थी, तब एसडीएम मनीष फौगाट ने छापा मार दिया। उनके साथ मार्केट कमेटी के सचिव अशोक यादव भी थे। बाद में सिटी एसएचओ संतोष कुमार को मौके पर बुलाकर केस रजिस्टर्ड कराया।

मार्केट कमेटी के सचिव अशोक यादव ने बताया कि जिलाधीश द्वारा कोविड-19 महामारी के चलते जिला में धारा 144 लागू करते हुए अन्य प्रदेशों से सरसों से भरे वाहनों को लाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इस प्रतिबंध के बावजूद चालक प्रीतम सिंह निवासी माजरी खोला (राजस्थान) ने सरसों से भरी पिकअप गाड़ी लेकर जिले में प्रवेश किया। जहां से वह नांगल चौधरी रोड स्थित मैसर्स महालक्ष्मी एग्रो प्रोडक्ट के यहां पहुंच गया और वहां सरसों खाली कर दी। इस पर चालक तथा मिल मालिक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 188 के तहत एफआइआर दर्ज करवाई गई है।

दूसरी ओर भाजपा नेता एवं मिल मालिक सुरेश चौधरी ने बताया कि सरसों भुंगारका से लाई थी और उनके विरुद्ध गलत कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि मिल के लिए वह पहले भी सरसों खरीदते रहे हैं और अब भी कुछ गलत नहीं किया।


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