अटाली कॉलेज: 6 साल से अधूरा पड़ा हॉल आखिरकार बनेगा, सरकार ने जारी किए ₹4.51 करोड़ के टेंडर
अटाली गवर्नमेंट कॉलेज में छह साल से अधूरा मल्टीपर्पस हॉल अब 4.51 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा। पीडब्ल्यूडी ने टेंडर जारी कर दिए हैं। देरी के कारण ...और पढ़ें
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अटाली गवर्नमेंट कॉलेज में छह साल से अधूरा मल्टीपर्पस हॉल अब 4.51 करोड़ रुपये की लागत से पूरा होगा। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मंडी अटाली। अटाली गवर्नमेंट कॉलेज में करीब छह साल से अधूरा पड़ा मल्टीपर्पस हॉल आखिरकार पूरा होने वाला है। राज्य सरकार ने बाकी कंस्ट्रक्शन का काम पूरा करने के लिए ₹4.51 करोड़ के ऑनलाइन टेंडर मंगाए हैं। पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) की तरफ से ये टेंडर जारी होने के बाद, लंबे समय से रुके इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद एक बार फिर जगी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉलेज में मल्टीपर्पस हॉल का कंस्ट्रक्शन 28 जून, 2019 को शुरू हुआ था। उस समय इसे एक साल के अंदर पूरा करने का टारगेट था। लेकिन, डिपार्टमेंट की लापरवाही, टेक्निकल प्रोसेस में देरी और बजट की दिक्कतों की वजह से यह प्रोजेक्ट सालों तक अधर में लटका रहा। नतीजतन, मल्टीपर्पस हॉल का स्ट्रक्चर अधूरा रह गया और आसपास का प्लेग्राउंड भी खराब हो गया। मैदान में घास-फूस उग आई, जिससे स्टूडेंट्स की स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में रुकावट आ रही थी। पब्लिक और कॉलेज स्टूडेंट्स ने कई बार यह मुद्दा उठाया, लेकिन कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया। अब, छह साल बाद, जब आखिरकार एडमिनिस्ट्रेशन जागा है, तो इस ज़रूरी प्रोजेक्ट को पूरा करने की तरफ कदम उठाए जा रहे हैं।
इस प्रोसेस में MLA और मंत्री आरती राव की कोशिशें बहुत ज़रूरी रही हैं। उनके दखल के बाद ही पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) ने ₹4.51 करोड़ के टेंडर जारी किए, जिसमें अधूरे मल्टीपर्पस हॉल को पूरा करने के लिए एक साल की डेडलाइन शामिल है। पूरा होने के बाद, यह हॉल कॉलेज में एकेडमिक, कल्चरल और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज़ का सेंटर बन जाएगा।
मल्टीपर्पस हॉल के पूरा होने से कॉलेज के स्टूडेंट्स को स्टेट-ऑफ-द-आर्ट फैसिलिटीज़ मिलेंगी, जिससे बड़े इवेंट्स के लिए बाहर की जगहों पर निर्भर रहने की ज़रूरत खत्म हो जाएगी। इससे कॉलेज के ओवरऑल डेवलपमेंट में भी तेज़ी आएगी। लोगों का कहना है कि अगर यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो जाता, तो कॉलेज और इलाके के हज़ारों स्टूडेंट्स को सालों पहले बेहतर फैसिलिटीज़ मिल जातीं। अब जब टेंडर जारी हो गए हैं, तो लोगों को उम्मीद है कि इस बार कंस्ट्रक्शन का काम समय पर पूरा हो जाएगा और सरकार छह साल से पेंडिंग इस ज़रूरी प्रोजेक्ट को प्रायोरिटी देगी।
कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन को भी उम्मीद है कि हॉल के पूरा होने से एकेडमिक माहौल को एक नई दिशा मिलेगी। स्टूडेंट्स को स्पीच कॉम्पिटिशन, सेमिनार, कल्चरल प्रोग्राम और स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए एक बड़ी फैसिलिटी मिलेगी। अब लोग बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं कि तय समय में कंस्ट्रक्शन पूरा हो जाएगा और अच्छी क्वालिटी का हॉल बनकर तैयार हो जाएगा, या फिर प्रोजेक्ट में फिर से देरी होगी।

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