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निष्ठा कार्यशाला के समापन पर अध्यापकों ने जाने पौधों के लक्षण

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निष्ठा कार्यशाला में चतुर्थ दिवस प्रतिभागियों ने विभिन्न क्रियाकलापों में भाग लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 06:19 AM (IST)
निष्ठा कार्यशाला के समापन पर अध्यापकों ने जाने पौधों के लक्षण
निष्ठा कार्यशाला के समापन पर अध्यापकों ने जाने पौधों के लक्षण

जागरण संवाददाता, नारनौल : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निष्ठा कार्यशाला में चतुर्थ दिवस प्रतिभागियों ने विभिन्न क्रियाकलापों में भाग लिया। प्रतिभागियों ने विद्यालय प्रांगण में बने पार्क की यात्रा की और उसमें लगाए गए लगभग डेढ़ सौ पौधों के प्रकार एवं लक्षणों के बारे में जाना।

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कार्यशाला प्रभारी डॉ. सुरेंद्र कुमार ने कहा विभिन्न स्थानों पर भ्रमण करने से विद्यार्थियों में नया जानने की ललक जागृत होती है। इसलिए अधिक से अधिक शैक्षणिक भ्रमण के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिए। निष्ठा कार्यशाला का निरीक्षण डीपीसी विजेंद्र श्योराण ने किया। उन्होंने विभिन्न प्रतिभागियों से मिलकर उनकी कार्य योजना की रिपोर्ट ली। उन्होंने कहा प्रशिक्षण शिक्षक की प्रतिभा को निखारने और संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि इतिहास में शैक्षणिक भ्रमण का विशेष महत्व है। इस माध्यम से हम इतिहास के साथ संवाद करते हैं। मास्टर ट्रेनर डॉ. पंकज गौड़ ने बताया कि यायावरी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह नई चीजों को जानने तथा अपने काम को श्रेष्ठतम तरीके से करने में कारगर साबित होता है। अत: इसका उपयोग किया जाना चाहिए। मास्टर ट्रेनर मनेंद्र कुमार ने पाठ्यचर्या एवं पाठ्यक्रम के संदर्भ में सूक्ष्मता से बताया। डॉ. मंगतराम ने गणित को रोचक बनाने की विधियां बताई। निष्ठा कार्यशाला में एमटी संदीप कुमार व अजीत कुमार मौजूद थे।


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