नियमों में बंधकर मनाया शिवरात्रि का पर्व
सावन मास के शिवरात्रि का पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में भी धूमधाम से मनाया गया।
जागरण संवाददाता, नारनौल:
सावन मास के शिवरात्रि का पर्व ग्रामीण क्षेत्रों में भी धूमधाम से मनाया गया। महेंद्रगढ़, अटेली, नांगल चौधरी, सिहमा सहित अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर गंगाजल से शिवलिग का जलाभिषेक किया गया। श्री खाटू श्याम सेवा दल की ओर से सिघाना रोड नारनौल स्थित नंदी गोशाला में गायों के लिए हरी सब्जी व चारा डलवाया गया। इस मौके पर सेवा दल के प्रधान ललित वर्मा ने बताया कि गायों को गो ग्रास खिलाने से धर्म की प्राप्ति होती है। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए निलेश कौशिक, नवीन, प्रवीण यादव, हेमंत, अनिल, विनोद, लखन, अनिल अग्रवाल, राहुल शर्मा सहित सेवा दल के सदस्यों ने सहयोग किया।
नियमों में बंधकर ही अंदर जाने दिया गया
संस, कनीना:
देशभर में प्रसिद्ध बाघेश्वरी धाम पर स्क्रीनिग करके तथा नियमों में बंधकर ही अंदर जाने दिया गया और जल अर्पित करने दिया गया। इसके अलावा विभिन्न शिवालयों में सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। कनीना के 21 फुट प्रतिमा वाले शिवालय पर खूब भक्त आये । व्रत धारण करके स्त्री एवं पुरुषों ने पूजा अर्चना की और ओम नम: शिवाय के जयकारे लगाए। बाघेश्वरी धाम पर न केवल श्रद्धालुओं की स्क्रीनिग की गई मास्क लगाकर एवं शारीरिक दूरी में कतार लगाकर जाने दिया गया। श्रद्धालु भरपूर सिंह, रोहित कुमार, शकुंतला देवी आदि ने बताया कि दिनभर श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहा। कनीना के बाघोत स्थित शिवालय पर सुबह से ही भक्तजन जल अर्पित करने पहुंचे। कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविद जोशी के अनुसार सावन माह में सच्चे मन से मांगी मन्नत भोले शंकर अवश्य पूरी करते हैं।
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पुलिस सुरक्षा के बीच किया जलाभिषेक
संस, सतनाली: क्षेत्र में श्रावण माह का शिवरात्रि पर्व हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में प्रशासन व सरकार द्वारा जारी की गई हिदायतों व नियमों के अनुसार व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं ने जल व दूध से भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इस दौरान मंदिरों में पुलिस भी तैनात रही। श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पूर्व सैनिटाइज करवाया गया। सुबह सवेरे हल्की बारिश होने से उमस से राहत मिली। आदर्श गोशाला के समीप केदारनाथ शिव मंदिर व प्राचीन शिवालय में श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगाजल व दूध से अदि देव भगवान शिव का अभिषेक किया। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव से समस्त विश्व के कल्याण की कामना की। मांडोला के बाबा केसरिया मंदिर, शिव गोरक्ष धाम, बाबा भैरव मंदिर, गांव जड़वा, सोहड़ी, श्यामपुरा, सुरेहती, नंगला, पथरवा, माधोगढ़, जवाहरनगर सहित समूचे क्षेत्र में भी शिवरात्रि श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महंत सुंदरदास महाराज ने बताया कि भगवान शिव आदि अनंत हैं तथा जब काल रात्रियां आई तो बुरे का शुभ में बदलने के लिए शिवरात्रि का आविर्भाव हुआ। शिवरात्रि का अर्थ परिवर्तन से है। उन्होंने कहा कि इस दिन हमें बुराईयों की रात्रि का अंत कर सद्मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।