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चक्काजाम का व्यापक असर, 19 लाख का नुकसान

हरियाणा रोडवेज बसों के चक्का जाम का जिले में व्यापक असर रहा। नारनौल बस डिपो को इससे करीब 19 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। डिपो के 322 कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इनमें 146 कंडक्टर, 164 चालक व अन्य स्टाफ शामिल है। हड़ताल के चलते यात्री परेशान रहे, जबकि निजी बस ऑपरेटरों व अन्य वाहन चालकों ने जमकर चांदी कूटी। हड़ताल के दौरान कर्मचारी बस डिपो गेट पर धरनारत रहे, जबकि सुरक्षा के ²ष्टिगत पुलिस बल तैनात रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Aug 2018 07:36 PM (IST)Updated: Tue, 07 Aug 2018 07:36 PM (IST)
चक्काजाम का व्यापक असर, 19 लाख का नुकसान
चक्काजाम का व्यापक असर, 19 लाख का नुकसान

जागरण संवाददाता, नारनौल : 

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हरियाणा रोडवेज बसों के चक्का जाम का जिले में व्यापक असर रहा। नारनौल  बस डिपो को इससे करीब 19  लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है। डिपो के 322  कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इनमें 146  कंडक्टर, 164  चालक व अन्य स्टाफ शामिल हैं। हड़ताल के चलते यात्री परेशान रहे, जबकि निजी बस ऑपरेटरों व अन्य वाहन चालकों ने जमकर चांदी कूटी। हड़ताल के दौरान कर्मचारी बस डिपो गेट पर धरनारत रहे, जबकि सुरक्षा के ²ष्टिगत पुलिस बल तैनात रहा।

केंद्र सरकार की ओर से रोड सेफ्टी बिल-2017 तथा हरियाणा में 700  निजी बसें हायर करने के विरोध में मंगलवार को हरियाणा रोडवेज का यह चक्काजाम रहा। रोडवेज की हड़ताल मध्य रात्रि से ही चालू कर दी गई थी। इस कारण सुबह जल्द निकलने वाली बसें नहीं चली। बसों के संचालन के लिए डीएसपी महेश कुमार पुलिस बल के साथ बस स्टैंड पहुंचे, लेकिन वहां पर कोई परिचालक संचालन के लिए तैयार नहीं हुआ। बसें डिपो एवं कार्यशाला में खड़ी रही। जबकि कर्मचारी मुख्य गेट पर टेंट लगाकर धरना देकर बैठ गए। जिसमें अनेक कर्मचारी यूनियनों के नेता भी शामिल हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट सुमित सिहाग  के नेतृत्व में मौके पर पुलिस बल तैनात था। सिटी पुलिस इंचार्ज वेदप्रकाश एवं महिला पुलिस कर्मचारियों एवं यात्रियों की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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ये कर्मचारी रहे हड़ताल पर :

नारनौल  बस डिपो में 596  पद स्वीकृत हैं। इनमें से मंगलवार को हड़ताल के चलते 322  कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। इसमें 146  कंडक्टर, 164  ड्राइवर, 6  यार्ड मास्टर, एक वर्कशाप कर्मचारी, 3  बीआइ  बु¨कग कंडक्टर एवं एक कर्मचारी टीए  ब्रांच का शामिल था।

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यह कहना है कर्मचारी नेताओं का :

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबंधित महासंघ की तालमेल कमेटी के तत्वावधान में दिए गए धरने की अध्यक्षता डिपो प्रधान राजेश डांगी  ने की। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध केंद्र सरकार के रोड सेफ्टी बिल तथा हरियाणा सरकार द्वारा 700  निजी बसें हायर करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि जो रोड सेफ्टी बिल लागू किया रहा है, उसके अनुरूप भारत में सड़कें ही नहीं हैं। यहां सभी वाहन एक लेन में चलते हैं और सड़कों पर बसों के लिए अलग से कोई लेन नहीं बनी हैं। यहां स्कूटी, बाइक, कार ट्रक एवं बसें सभी एक ही लेन में चलते हैं। इसी कारण एक्सीडेंट बढ़ते रहते हैं। यह बिल विदेशों में ही संभव है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले वाहनों की अलग लेन वाली सड़कें उपलब्ध कराए। धरने में पूर्व डिपो प्रधान राजपाल यादव, सर्व कर्मचारी संघ  के जिला प्रधान महेश यादव, पूर्व जिला प्रधान धर्मेद्र यादव, जिला सचिव किरोड़ीमल  सैनी, कुलदीप यादव, विजय ¨सह यादव, सतीश आर्य, सतबीर ¨सह, पवन कुमार, ओमप्रकाश, जितेंद्र, कंवर ¨सह आदि समेत सैकड़ों कर्मचारियों ने भाग लिया।

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हड़ताल के चलते यात्री रहे हलकान

फोटो नं  25  से 29  तक जागरण संवाददाता, नारनौल : 

रोडवेज के चक्का जाम के चलते हरियाणा राज्य परिवहन की बसें सड़कों पर नहीं चली, जिस कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बस स्टैंड के बाहर निजी बसों का बोलबाला रहा। इनमें राजस्थान की निजी बसों की संख्या भी खूब रही। डिपो में इस समय 151  बसें हैं, जिनमें से करीब 145  ही रूट पर चलती हैं।

हालांकि चक्काजाम की पहले से सूचना थी, लेकिन इसके बावजूद यात्री अपने आवश्यक कार्यो के चलते आम दिनों की भांति ही यात्री बस स्टैंड पहुंचे। उन्हें हड़ताल के चलते बसें नहीं चलने के चलते निराशा का सामना करना पड़ा। महिलाओं, बुजुर्गो एवं छात्र-छात्राओं को बसों के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। अनेक सवारियों के सिर पर सामान था और बोझ उठाए वे इधर-उधर भटकते रहे। हड़ताल के कारण दिल्ली-जयपुर एवं रोहतक  की तरफ आने-जाने वालों अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। प्राइवेट बसें पूरी तरह भरने के बाद ही चलने के चलते सवारियां काफी देर तक बसों में फंसने को भी विवश हुई। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी निजी वाहनों खासकर बाहर से आई बसों के परमिट, रूट एवं अन्य कागजात चेक करने या किसी भी तरह की कार्यवाही करने की बजाए मौन धारण किए रखा।

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''मुझे जयपुर जाना था, लेकिन आज की हड़ताल की जानकारी नहीं थी। वहां जाने के लिए कोई साधन नहीं है। अब वापस जाना पड़ेगा।

- मनीष, शास्त्री नगर। ''मैं काठूवास जाने के लिए यहां आई थी, लेकिन बस स्टैंड के अंदर बसें तो खड़ी हैं, लेकिन उन्हें चलाया नहीं जा रहा। अब साधन ढूंढने में दिक्कत हो रही है।

- आशा, पुरानी सराय। ''को¨चग जाने के लिए सुबह ऑटो  के जरिए नारनौल  तो आ गई, लेकिन अब वापस जाने के लिए साधन नहीं मिल रहा। रोडवेज बस हड़ताल के कारण नहीं चल रही। गांव के आटो बस स्टैंड से एक किलोमीटर दूर निजामपुर रोड पर लगते हैं।

- योगिता, छात्रा, धौलेड़ा। 'मुझे आवश्यक कार्य से महेंद्रगढ़  जाना है, लेकिन यहां से महेंद्रगढ़  की कोई बस नहीं मिल रही। बस नहीं होने के कारण निजी वाहनों में धक्के खाने पड़ेंगे और उनकी मनमर्जी को सहन करना होगा।

- दलीप चंद, गोद।

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कस्बों में भी यात्री रहे परेशान

जागरण संवाददाता, नारनौल

हरियाणा रोडवेज के चक्काजाम का सतनाली, मंडी अटेली, नांगल चौधरी, कनीना में भी व्यापक असर रहा। यहां हरियाणा रोडवेज की कोई भी बस नहीं चलने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सतनाली अड्डे से कोई भी बसें सतनाली बस स्टैंड पर नहीं आई। एहतियात के तौर पर सतनाली पुलिस भी मुस्तैद रही। अड्डा इंचार्ज सतेन्द्र ¨सह के अनुसार सतनाली बस स्टैण्ड से सतनाली-दादरी के बीच 19 फेरे, सतनाली-महेन्द्रगढ़-नारनौल के 19 फेरे, सतनाली-तोशाम के 11 फेरे, सतनाली-लोहारू के बीच 5 फेरे, सतनाली-भिवानी के 4 फेरों सहित सतनाली-हिसार की ओर जाने वाली बसें प्रभावित रही।

सब डिपो अटेली में भी हड़ताल के कारण कोई रोडवेज बस नहीं दिखाई दी। बस स्टैंड के बाहर सड़क पर लोग निजी वाहनों का इंतजार करते रहे। हड़ताल का पता चलने के कारण लोगों ने आज का काम कल पर छोड़ दिया।


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