जिला परिषद अध्यक्ष ने किया पीएचसी का औचक निरीक्षण, डॉक्टर पाए नदारद
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश सरकार की ओर से करोड़ों रुपयों के भवनों का निर्माण कर पीएचसी और सीएचसी तो बना दी लेकिन डॉक्टरों के ग्रामीण क्षेत्रों से कन्नी काटने के कारण ग्रामीणों को शायद ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हों।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश सरकार की ओर से करोड़ों रुपयों के भवनों का निर्माण कर पीएचसी और सीएचसी तो बना दी, लेकिन डॉक्टरों के ग्रामीण क्षेत्रों से कन्नी काटने के कारण ग्रामीणों को शायद ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हों। सोमवार को ऐसा ही नजारा गांव धुराला स्थित पीएचसी पर दिखा, जब जिला परिषद अध्यक्ष गुरुदयाल सुनहेड़ी ने यहां औचक निरीक्षण किया। मौके पर न तो स्टाफ मिला और न ही कोई डॉक्टर। इक्का-दुक्का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के हवाले ही पूरी पीएचसी थी। जिप अध्यक्ष के पहुंचते ही वहां मौजूद कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
मौके पर जिप अध्यक्ष ने मरीजों से पूछा और डॉक्टरों का रजिस्टर भी चैक किया। जिसमें डॉक्टरों ने हाजिरी तो लगाई थी, लेकिन वे वहां आए ही नहीं थे। लोगों ने बताया कि डॉक्टर सुबह एक-आध घंटा आ जाते हैं और अधिकतर तो आते ही नहीं। जिप अध्यक्ष ने पीएचसी पर तैनात डॉ. शशि कुमार के खिलाफ सीएमओ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। गुरुदयाल सुनहेड़ी ने बताया कि डॉक्टर या तो पीएचसी में आता ही नहीं और आता है तो जल्दी चला जाता है। एएनएम गई बैठक में जो हुई ही नहीं
जिप अध्यक्ष ने बताया कि पीएचसी में डॉक्टर ही नहीं दूसरे कर्मचारी भी ऐसे हैं। पीएचसी की एएनएम सुशीला देवी ने रजिस्टर में बैठक में जाना बताया है। जो एलएनजेपी अस्पताल कुरुक्षेत्र में बताई गई थी। जब इस बारे में सीएमओ से पूछा तो उन्होंने किसी प्रकार की बैठक से इंकार कर दिया। जिप अध्यक्ष ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।