अपनी खेती, अपनी मंडी और अपना भाव
अपनी खेती अपनी मंडी और अपना भाव। यह सुनकर आप एक बार चौक तो गए होंगे लेकिन धर्मनगरी के गुरुकुल कुरुक्षेत्र में ऐसा ही है।
जगमहेंद्र सरोहा, कुरुक्षेत्र : अपनी खेती, अपनी मंडी और अपना भाव। यह सुनकर आप एक बार चौक तो गए होंगे, लेकिन धर्मनगरी के गुरुकुल कुरुक्षेत्र में ऐसा ही है। यहां खेती करने का अपना तरीका है और गेहूं व सब्जी सहित दूसरे उत्पादों को बेचने का अपना आउटलेट और अपना रेट है। देसी गेहूं का रेट तो चार रुपये क्विंटल तक है। वह भी बुकिग पर मिलता है। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के संरक्षण में चल रहे कुरुक्षेत्र गुरुकुल प्राकृतिक खेती से ऊपर उठकर जीरो बजट की खेती में एक नजीर बन चुका है।
गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्रधान कुलवंत सैनी ने बताया कि उनके पास 220 एकड़ जमीन हैं। इसमें से 20 एकड़ में गुरुकुल और अन्य भवन हैं और 200 एकड़ में खेती की जाती है। यहां पूरी खेती में जीरो बजट खेती की विधि को अपनाया जाता है। इसमें गाय के मूत्र व गोबर से जीवामृत व घनामृत तैयार कर प्रयोग किया जाता है। इसमें किसी तरह का खाद व दवाइयों का प्रयोग नहीं करते। गुरुकुल कुरुक्षेत्र में मिर्च व टमाटर से लेकर हर तरह की सब्जी और फसल अपनी तैयार की जाती है। गुरुकुल के विद्यार्थियों को भी यही सब्जी और इसी खेत में तैयार गेहूं की रोटी दी जाती हैं। गुरुकुल के बाहर आउटलेट पर सब्जी, गेहूं व चावल मिलता है। यहीं नहीं लोग गन्ने का रस भी यहीं पीकर जाते हैं।
गन्ने से अपना गुड़, शक्कर और खांड
प्रधान कुलवंत सैनी ने बताया कि जीरो बजट खेती में लागत नाममात्र की होती है। यहां करीब 20 एकड़ में गन्ना है। एक एकड़ में करीब 400 क्विंटल गन्ना निकलता है। खेत में ही क्रेशर लगाया गया है। यहां पर गुड़, शक्कर और खांड तैयार की जाती है। गुड़ 100, शक्कर 120 और खांड 160 रुपये किलोग्राम है। लोग इसको पसंद करते हैं। वे एक गन्ना भी बाहर लेकर नहीं जाते। सीजन में यहीं पर गन्ने की खपत हो जाती है।
गेहूं और बासमती चावल के अपने रेट
गुरुकुल में 93 एकड़ में गेहूं और 126 एकड़ में धान की खेती की जाती है। देसी गेहूं प्रति एकड़ 12 और दूसरी किस्म 25 करीब 25 क्विंटल निकलता है। देसी गेहूं चार हजार और सामान्य किस्म का रेट तीन हजार रुपये प्रति क्विटल रखा गया है। लोग गेहूं की पहले ही बुकिग करा देते हैं। सीजन में गुरुकुल तक गेहूं नहीं पहुंच पाता। उससे पहले ही बिक जाता है। 30 एकड़ में बासमती धान की खेती की जाती है। गुरुकुल के आउटलेट पर 100 रुपये किलोग्राम के हिसाब से चावल दिया जाता है। यहां एक, दो और पांच किलोग्राम की पैकिग है।