यू नां घूमे पिया, आ बैठ बलेरो में
रत्नावली उत्सव में रसिया नृत्य पर प्रतिभागियों व दर्शकों ने जमकर ठुमके लगाए। दर्शकों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम हॉल में जैसे मंच पर कलाकार अपनी प्रतिभा दिखाई।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रत्नावली महोत्सव के तीसरे दिन ओडिटोरियम हॉल में रसिया नृत्य पर प्रतिभागियों व दर्शकों ने जमकर ठुमके लगाए। दर्शकों से खचाखच भरे ऑडिटोरियम हॉल में जैसे मंच पर कलाकार अपनी प्रतिभा से प्रस्तुतियां देते, वैसे ही दर्शक झूमकर व नांचकर उनका अभिवादन करते दिखे। युवा सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग में कुछ वर्ष पूर्व रसिया विधा को शामिल किया था। अब इस विधा ने रत्नावली में खुद को समाहित करते हुए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
इस रसिया प्रतियोगिता में छह टीमों ने भाग लिया। सभागार से खचाखच भरे दर्शकों के बीच गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज यमुनानगर की टीम ने कांटा लागो रे देवरयो मोह पे संग चलो न जाये. रसिया पर दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। वहीं सीआइएस कन्या महाविद्यालय पूंडरी की टीम ने रसिया रसिया सब कहे पर रसिया जाने न कोय द्वारा दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। राजकीय महाविद्यालय जीन्द ने तेरो भूरो भूरो गात र गौरी जान मेरी ल्यै जावे से सरिया की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। रसिया प्रतियोगिता में डीएवी कॉलेज फॉर गर्ल्स यमुनानगर ने यू नां घूमे पिया, आ बैठ बलेरो में प्रस्तुति दी। यूटीडी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व आरकेएसडी पीजी कॉलेज कैथल ने अपनी प्रस्तुतियां दी। निर्णायक मंडल की भूमिका डॉ. डेजी वालिया, लीला सैनी व शीशपाल ने निभाई।