मनुष्य स्वार्थ भाव से कर रहा परमात्मा का स्मरण : योगी नरेश नाथ
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : गुरू गोरख नाथ धाम के योगी नरेश नाथ महाराज ने कहा कि अधिकतर सांसारिक मनुष्य स्वार्थ भाव से ही परमात्मा का स्मरण करते हैं ताकि जीवन सरल, सुखद और कष्ट रहित हो।
संवाद सहयोगी, इस्माईलाबाद : गुरू गोरख नाथ धाम के योगी नरेश नाथ महाराज ने कहा कि अधिकतर सांसारिक मनुष्य स्वार्थ भाव से ही परमात्मा का स्मरण करते हैं ताकि जीवन सरल, सुखद और कष्ट रहित हो। परमात्मा के सामने अपने कामों की सूची लेकर पहुंचना तो आम ही हो चला है। जैसे वह हमारा आज्ञाकारी सेवक हो। वे गुरुधाम में सेवकों के बीच बोल रहे थे।
योगी नरेश नाथ महाराज ने कहा कि हमें परमात्मा को निस्वार्थ भाव से याद करने का पाठ पढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इंसान को हर क्षण परमात्मा का धन्यवाद करना चाहिए। भोजन सामने रखकर हाथ जोड़कर कहना चाहिए कि ऐसा अन्न सभी को देना। सोने से पहले व जागने के साथ ही परमात्मा का नाम स्मरण करना चाहिए। विपरीत परिस्थिति में भी भगवान का धन्यवाद करना चाहिए। यानी शिकायत का स्थान धन्यवाद ले तो मनुष्य का अध्यात्मिक स्तर उच्च हो जाएगा। इसके बाद इंसान को लाभ हानि और सुख दुख की ¨चता नहीं रह जाती है। उन्होंने कहा कि जब फांसी से पहले एक अधिकारी ने सरदार भगत ¨सह के कहा कि वह परमात्मा का स्मरण कर ले। इस पर भगत ¨सह ने कहा कि उसने पूरी उम्र उसे याद नहीं किया। अब मैं परमात्मा की नजर में स्वार्थी नहीं बनना चाहता। ऐसी हस्ती से सभी को सीख लेनी चाहिए और निस्वार्थ भाव से प्रभु भक्ति करनी चाहिए। इस मौके पर तेज नाथ, सरपंच संजीव अरोड़ा, जवाहर बंसल, रामचंद्र कोमल, केवल छाबड़ा, सुनील कोमल, डॉ. विवेक अरोड़ा, संजीव रहेजा आदि मौजूद रहे।