योगी ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुशासनहीनता पर जताई चिंता
योगी आदित्य नाथ ने कहा कि आज विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में हो रही अनुशासनहीनता और अराजकता चिंतित करती है।
जेएनएन, कुरुक्षेत्र। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि आज विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में हो रही अनुशासनहीनता और अराजकता चिंतित करती है। यह देश के भविष्य के बारे में सोचने को मजबूर कर देती है। योगी आदित्य नाथ यहां कुरुक्षेत्र गुरुकुल के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि देश के एक विश्वविद्यालय में रामनवमी के कार्यक्रम के बजाय रावण के जन्म दिन के उत्सव मनाए जाते हैंं। दुर्गाशक्ति के उत्सव की जगह हिरण्यकश्यप की जयंती मनाई जाती है। देश की जनता से लिए टैक्स से संचालित होने वाले एक विश्वविद्यालय में गोमांस की पार्टी भी होती है। कश्मीर को देश से अलग करने के नारे लगाए जाते हैं। ऐसे में दूसरी तरफ गुरुकुल जैसी संस्थाएं भी हैं, जो संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के कार्य भी कर रही है।
गुरुकुल के स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों को संबोधित करते योगी आदित्यनाथ।
उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे अधिक युवा है। इसके बावजूद हम पीछे हैं। ऐसा गुरुकुल पद्धति छोडऩे और आधुनिकता के पीछे भागने के कारण हुआ है। चीन का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जनसंख्या में हम नंबर दो पर हैं, लेकिन अगर क्षेत्रफल की दृष्टि से देखेंगे तो भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। चीन क्षेत्रफल में कई गुणा बड़ा है। उसने अपनी आबादी को नियंत्रित किया और हमसे आगे है। योगी ने इससे पहले गुरुकुल में नवनिर्मित आधुनिक गोशाला के भवन का उद्घाटन किया। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उनको गुरुकुल के विभिन्न प्रकल्पों का भ्रमण कराया। उन्होंने गुरुकुल स्मारिका का विमोचन किया।
गुरुकुल की स्मारिका का विमोचन करते योगी आदित्यनाथ।
मलखंब देख योगी दंग
वार्षिकोत्सव के दौरान गुरुकुल के विद्यार्थियों ने संगीत के धुनों पर योगासन किए। उनके मलखंब के करतबों को देखकर योगी आदित्य नाथ दंग रह गए। एनसीसी कैडेट््स, बैंड और विभिन्न सदनों की टीमों ने परेड में हिस्सा लिया।
जीरो बजट खेती को सराहा
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने गुरुकुल में की जा रही जीरो बजट खेती को सराहा। आचार्य डॉ. देवव्रत ने उन्हें बताया कि कृषि क्षेत्र में तमाम समस्याओं से बचने का एकमात्र उपाय जीरो बजट प्राकृतिक कृषि है, क्योंकि इसमें पानी की 70 प्रतिशत तक बचत होती है। देसी गाय पर आधारित इस प्राकृतिक कृषि से किसान की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।