हल्की बूंदाबादी से अनाज मंडियों में घटी बासमती की आवक
पिछले कई दिनों से आसमान में छाए धुंधलके के बाद बृहस्पतिवार की अल सुबह हल्की बूंदाबादी ने ठंडक के साथ किसानों की धड़कन भी बढ़ा दी है। किसानों को तेज बरसात से फसल को नुकसान होने और गेहूं की बिजाई प्रभावित होने का डर सता रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
पिछले कई दिनों से आसमान में छाए धुंधलके के बाद बृहस्पतिवार की अल सुबह हल्की बूंदाबादी ने ठंडक के साथ किसानों की धड़कन भी बढ़ा दी है। किसानों को तेज बरसात से फसल को नुकसान होने और गेहूं की बिजाई प्रभावित होने का डर सता रहा है। यह आसमान में छाए बादलों का ही असर है कि बृहस्पतिवार को अनाज मंडियों में बासमती की आवक धीमी रही, जबकि सीजन के लिहाज से इसमें तेजी आने की उम्मीद थी। कुछ ऐसा ही असर फसल के दामों पर भी रहा है। पिछले कई दिनों से लगातार बासमती के दामों में तेजी के चलते बृहस्पतिवार को इसमें और तेजी आने की उम्मीद थी, लेकिन आसमान में बादलों के चलते खरीदार ठिठकते रहे। बृहस्पतिवार को भी एक दिन पहले ही तरह बासमती 3300 से लेकर 3600 रुपये तक ही बिकी।
अल सुबह हुई हल्की बूंदाबांदी
जिले भर में बृहस्पतिवार की अल सुबह हल्की बूंदाबांदी हुई। इसके बाद सुबह नौ बजे के लगभग हल्की बूंदाबांदी हुई। इसके चलते फसल में नमी आई है। आसमान में दिन भर बादल छाए रहने से शाम तक बरसात आने का डर लगा रहा। तेज बरसात होने से बिजाई हो सकती है प्रभावित
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तेज बरसात से फसल की कटाई और गेहूं की बिजाई दोनों प्रभावित हो सकती हैं। तेज बरसात के चलते खेत में पानी खड़ा होने और मिट्टी ज्यादा गीली होने से बिजाई का काम रुक सकता है।
आवक पर दिखा असर
थानेसर की नई अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दयाल चंद ने कहा कि बूंदाबादी के चलते मंडियों में फसल की आवक पर असर दिखा है। बृहस्पतिवार को आवक अन्य दिनों के मुकाबले कम रही है। कुछ ऐसा ही असर खरीद में दिखा। बासमती के खरीदारों ने उत्साह कम दिखा। उन्हें उम्मीद थी कि पिछले दिनों को देखते हुए बृहस्पतिवार को दाम 3700 रुपये तक पहुंचेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खरीदार में उत्साह की कमी के चलते दाम 3600 रुपये प्रति क्विटल तक रहे।