वन्यजीव विभाग ने छिपकली की तस्करी करने वालों की तलाश की
पिछले दिनों शिकारियों के कब्जे से बड़े पैमाने पर गोह बरामद होने के बाद वन्य प्राणी विभाग की टीम अब इस गिरोह का इंटरनेशनल कनेक्शन तलाशने में जुटी है। विभाग की टीम को शक है कि शिकारियों के कब्जे से आठ जिदा गोह बरामद की गई थी इनमें से कई पूरी तरह से व्यस्क थी।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र: पिछले दिनों शिकारियों के कब्जे से बड़े पैमाने पर गोह बरामद होने के बाद वन्य प्राणी विभाग की टीम अब इस गिरोह का इंटरनेशनल कनेक्शन तलाशने में जुटी है। विभाग की टीम को शक है कि शिकारियों के कब्जे से आठ जिदा गोह बरामद की गई थी, इनमें से कई पूरी तरह से व्यस्क थी। ऐसा हो सकता है कि शिकारियों को यह गोह जिदा ही किसी बड़े गिरोह को सप्लाई की जानी हों। अगर ऐसा है तो यह मामला सीधा-सीधा हथा जोड़ी से जुड़ा हो सकता है। टीम को इस बात का अंदेशा है कि ऐसे कई गिरोह हैं जिनके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर के माफिया से जुड़े हुए हैं। पकड़े गए आरोपितों से वाइल्ड कंट्रोल क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की बातचीत के बाद ही टीम को इस बात की आशंका हो गई थी। 10 गोह, एक गीदड़ और एक जंगली बिल्ली के साथ पकड़े गए थे दो शिकारी
वन्य प्राणी विभाग की टीम को पांच जुलाई को गांव सूजरा के पास शिकारियों की गतिविधि की सूचना मिली थी। इस सूचना पर विभाग की टीम ने छापामारी की थी। भनक लगते ही आठ शिकारी भागने में कामयाब रहे थे, जबकि दो को टीम ने काबू कर लिया था। टीम को इनसे 10 गोह, एक गीदड़ और एक जंगली बिल्ली बरामद हुई थी। उस दौरान विभाग की टीम को आठ गोह जिदा मिली थी, जबकि दो गोह मृत मिली थी। फरार आरोपितों की तलाश में जुटी टीम
वन्य प्राणी विभाग की टीम मौके से फरार हुए आठ अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी में जुटी है। शिकारियों का गिरोह रादौर के छोटाबांस गांव का है। गांव में शिकारियों की एक पूरी बस्ती है। छापामारी करने पहुंची टीम को कई बार वहां से खाली हाथ लौटना पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बेचते हैं हथा जोड़ी
वाइल्ड कंट्रोल क्राइम ब्रांच की बातचीत में यह बात सामने आई थी कि शिकारी एक व्यस्क गोह को मारकर उसके अंग निकाल लेते हैं। उन्हें सूखाने के बाद यह हथा जोड़ी के आकार का दिखता है। इसे हथा जोड़ी के नाम गुड लक से जोड़कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छे दामों में बेचा जाता है। 10 में से आठ गोह मिली थी जिदा
वन्य प्राणी विभाग के सबइंस्पेक्टर तेजबीर सिंह ने बताया कि शिकारियों से 10 में से आठ गोह जिदा बरामद हो सकती है। ऐसा हो सकता है कि इन्हें जिदा ही आगे सप्लाई की जानी हों। इसी बात को लेकर भी पड़ताल की जा रही है। फरार आरोपितों को पकड़ने के लिए कई बार छापामारी की गई है, लेकिन उनमें से कोई भी आरोपित घर पर नहीं मिल रहा है। टीम इसके प्रयास में जुटी है।