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सभी पुराणों का सार है भगवत पुराण : विकास दास महाराज

समस्त श्यामप्रेमी परिवार की ओर से गीता जयंती के उपलक्ष्य में पहली बार श्रीगीता धाम में बुधवार को भागवत कथा अनुष्ठान गीता ज्ञान महायज्ञ भंडारा और खाटू श्याम संकीर्तन का शुभारंभ किया गया। कथाव्यास महामंडलेश्वर विकास दास महाराज ने भागवत कथा की महिमा विस्तार से सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 12:12 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 12:12 AM (IST)
सभी पुराणों का सार है भगवत पुराण : विकास दास महाराज
सभी पुराणों का सार है भगवत पुराण : विकास दास महाराज

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : समस्त श्यामप्रेमी परिवार की ओर से गीता जयंती के उपलक्ष्य में पहली बार श्रीगीता धाम में बुधवार को भागवत कथा अनुष्ठान, गीता ज्ञान महायज्ञ, भंडारा और खाटू श्याम संकीर्तन का शुभारंभ किया गया। कथाव्यास महामंडलेश्वर विकास दास महाराज ने भागवत कथा की महिमा विस्तार से सुनाई। कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव, फरीदाबाद के विधायक राजेश नागर, थानेसर विधायक सुभाष सुधा व सूरजभान कटारिया ने शिरकत की।

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उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना श्रीमद्भगवद गीता का ज्ञान और महाभारत का महासंग्राम। करीब पांच हजार वर्षो से भी ज्यादा काल से अपने सीने में भाई-भाई की दुश्मनी और खून का दंश लिए आगे बढ़ रहे इस शहर की मिट्टी आज पूरी दुनिया में अधर्म पर धर्म की सबसे बड़ी जीत का संदेश देती है। गीता का ज्ञान जीवन की हर दुविधा का समाधान उपलब्ध कराता है। भागवत अनुष्ठान यजमान श्यामप्रेमी अजय गोयल, दिनेश गोयल, अरुण गोयल, अशोक गर्ग व डिपल गर्ग सहित अन्य यजमानों ने व्यासपूजन किया। इससे पूर्व सुबह 11 कुंडीय गीता ज्ञान महायज्ञ शुरू हुआ, जिसमें यजमानों ने आहुतियां दी। कथाव्यास महामंडलेश्वर विकास दास महाराज ने कहा कि भागवत पुराण सभी शास्त्रों का सार है। जब वेदों के संकलन और महाभारत, पुराणों की रचना के बाद भी उन्हें शांति न मिली तो उनके गुरु नारद मुनि ने उन्हें भागवत पुराण लिखने को प्रेरित किया। यह श्रीवेदव्यासजी की आखिरी रचना है और इस कारण पूर्व के सारे रचनाओं का निचोड़ है। भागवत पुराण में भगवान स्वयं शब्दात्मक स्वरूप में विराजमान हैं। भागवत का अर्थ है भगवान का। 'का, के, की' चिह्न है संबंध का, जैसे माता का पुत्र, पिता की पुत्री, वैसे ही भगवान का भागवत। भगवान के होने का यह मतलब नहीं की हम बेटे के बाप नहीं रहेंगे बल्कि संसार के नातों के प्रति ममता (आसक्ति) का त्याग है। भागवत आरती में माता सुदर्शन भिक्षु, कुसुम दीदी, आचार्य नरेश कौशिक, अंकुर गर्ग, विकास गुप्ता, रवि गुप्ता, गौरव गुप्ता व प्रियांशु तायल मौजूद रहे।


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