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लोक नृत्य को देखकर झूमे दर्शक

दक्षिण एशियाई महोत्सव के चौथे दिन देश और विदेश के विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने अपने लोक नृत्य पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:30 AM (IST)
लोक नृत्य को देखकर झूमे दर्शक
लोक नृत्य को देखकर झूमे दर्शक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : दक्षिण एशियाई महोत्सव के चौथे दिन देश और विदेश के विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने अपने लोक नृत्य पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। लोकनृत्य में 11 टीमों ने हिस्सा लिया। जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों के विश्वविद्यालय से आए कलाकारों सहित नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के प्रतिभागियों ने भी अपनी संस्कृति को लोक नृत्य के माध्यम से दर्शाया। सारे प्रतिभागी अपने देश और राज्य की अपनी पांरापारिक-पोशाक के जारिये अपने संस्कृति को दर्शाया।

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इस कार्यक्रम में सभी प्रतिभागी अपने राज्यों और देश के भाषा लोक नृत्य पोशाक और हाव भाव से अपनी संस्कृति को बहुत खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया। दर्शकों को उनकी भाषा समझ नहीं आ रही थी। फिर भी वो उनसे अपने आप को जोड़ रहे थे। इस कार्यक्रम में पंजाब का भंगड़ा और राजस्थान का केसरिया बालम पधारो म्हारे देश ने दर्शकों का मनोरंजन किया।

इस तरह के कार्यक्रम न केवल अलग-अलग प्रांतों और राष्ट्रों के कल्चर को दर्शाते हैं बल्कि उनके समावेश का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।


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