उपराष्ट्रपति ने कहा, आरक्षण के नाम पर हिंसा देशहित में नहीं
उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने युवाओं से कहा कि वह आगे बढ़ें, लेकिन सबसे पहला धर्म राष्ट्र धर्म होना चाहिए।
कुरुक्षेत्र [बृजेश द्विवेदी]। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि आरक्षण के नाम पर हिंसात्मक आंदोलन ठीक नहीं है। ऐसा करने वाले देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। देश में बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं पर उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक और निंदनीय है। उपराष्ट्रपति नायडू को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने नौ गोल्ड मेडलिस्ट को डिग्रियां दीं, जिसमें सात छात्राएं हैं। उपराष्ट्रपति ने सभी बेटियों को बधाई दी। पीएचडी और एमफिल की डिग्री लेने वाले 106 विद्यार्थियों में 63 बेटियां शामिल रहीं।
उपराष्ट्रपति नायडू ने विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए कहा कि आगे बढ़ें, लेकिन सबसे पहला धर्म राष्ट्र धर्म होना चाहिए। उपराष्ट्रपति का पूरा भाषण आरक्षण के नाम पर देश भर में हुई हिंसा और महिला व बच्चियों के साथ आए दिन हो रही घटनाओं पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने व आंदोलन करने का हक है। हिंसात्मक रूप से आंदोलन करने का मतलब देश को गर्त में ले जाना है और यह ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को सोचना होगा और ऐसे देश का निर्माण करना करना है जिसमें जाति का भेदभाव नहीं हो। जाति के नाम पर एक दूसरे का विरोध नहीं करें। सभी एक दूसरे का सम्मान करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राजनीतिक दल भी केवल चुनाव के समय राजनीति करें, बाकी समय देश व प्रदेश के विकास में लगाएं।
वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत में महिलाओं का गौरवशाली इतिहास रहा है। देश को आगे ले जाने में उनका बड़ा योगदान रहा है। इसलिए इस देश का नाम भारत माता है। यहां माताओं का सम्मान किया जाता है और देवी के रूप में पूजा होती है। जिस समाज व देश में महिलाओं का सम्मान किया जाता है वह तरक्की करता है।
उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे कहीं भी जाएं, लेकिन राष्ट्रीयता मन में होनी चाहिए। महिलाओं का सम्मान करें। अपनी मातृ भाषा से प्यार करें। देश को स्वराज की ओर ले जाएं, क्योंकि केवल प्रधानमंत्री या मंत्रियों का ही काम नहीं है कि देश के बारे में सोचें। समारोह में राज्यपाल प्रो. कप्तान ङ्क्षसह सोलंकी, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और कुलपति डॉ. केसी शर्मा ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।
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