अनाज मंडी का नो संडे, अपने ही फैसले से आढ़तियों का यूटर्न
थानेसर की नई अनाज मंडी के आढ़ती पिछले महीने भर से सीजन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 21 सितंबर के बाद से रविवार की छुट्टी रखने की बात कर रहे हैं ऐसे में किसानों से भी रविवार को मंडी में धान ना लेकर पहुंचने की अपील की जा रही है। लेकिन पहले ही रविवार आढ़तियों को अपने फैसले से यू-टर्न लेना पड़ा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : थानेसर की नई अनाज मंडी के आढ़ती पिछले महीने भर से सीजन में व्यवस्था बनाए रखने के लिए 21 सितंबर के बाद से रविवार की छुट्टी रखने की बात कर रहे हैं, ऐसे में किसानों से भी रविवार को मंडी में धान ना लेकर पहुंचने की अपील की जा रही है। लेकिन पहले ही रविवार आढ़तियों को अपने फैसले से यू-टर्न लेना पड़ा है। फसल कटाई के दिन होने के चलते सुबह से शाम तक अनाज मंडी में कई किसान ट्रालियों में भरकर धान लेकर पहुंचे। धान पहुंचने पर आढ़तियों को इसे उतारना भी पड़ा और पंखा भी लगाना पड़ा। इसके पीछे आढ़ती एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने तर्क दिया है कि बरसात ं में धान गीला हो गया था, ऐसे में उसे उतारा जाना जरूरी था नहीं तो धान खराब हो सकता था।
पिछले कई दिनों से अनाज मंडियों में धान पहुंच रहा है। धान की आवक में तेजी होने पर आढ़तियों ने रविवार को छुट्टी रखने और रात में धान की ट्राली ना उतारने का फैसला लिया था। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि धान की खरीद के बाद तुलाई और उठान के लिए समय चाहिए। दिन में मंडी पहुंचने वाली धान की मजदूर रात में तुलाई कर सकते हैं और इसके बाद समय से उठान भी हो सकता है। लेकिन पहले ही रविवार से यह फैसला लागू नहीं हो पाया। इस फैसले पर हो सकता है हंगामा
आढ़तियों के इस फैसले पर मंडी में कभी भी हंगामा हो सकता है। किसान बड़ी मुश्किल से दिन रात एक कर अपनी फसल को आपदा से बचाकर मंडी में लेकर पहुंचता है। इन दिनों में किसान के सामने एक-एक मिनट कीमती होता है। एक बार खेत से फसल कटाई होने के बाद किसान को इसे मंडी तक पहुंचाने की जल्दबाजी रहती है। किसान के लिए दिन रात में कोई अंतर नहीं है। ऐसे में अगर रात के समय और रविवार को धान की ट्राली खाली नहीं होगी तो किसान हल्ला कर सकते हैं। बरसात के चलते दी गई है छूट
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दयाल सिंह ने कहा शनिवार और रविवार की सुबह बरसात हुई है। बरसात से गीले हुए धान को ट्राली से उतारा जाना जरूरी है अगर ऐसा नहीं करेंगे तो यह खराब हो जाएगा। धान को बचाने के लिए ही इस रविवार को छुट्टी में ढील दी गई है, अगले रविवार से छुट्टी का फैसला पूर्ण रूप से लागू रहेगा।