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मैक में सजी राजस्थानी लोक नृत्यों की सांझ, घूमर, कालबेलिया, चकरी ने मोहा मन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : विश्वभर में भारतीय संस्कृति की एक अलग पहचान है। भारत के प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग लोक विधाएं हैं, जो सभी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 12:24 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 12:24 AM (IST)
मैक में सजी राजस्थानी लोक नृत्यों की सांझ, घूमर, कालबेलिया, चकरी ने मोहा मन
मैक में सजी राजस्थानी लोक नृत्यों की सांझ, घूमर, कालबेलिया, चकरी ने मोहा मन

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : विश्वभर में भारतीय संस्कृति की एक अलग पहचान है। भारत के प्रत्येक क्षेत्र में अलग-अलग लोक विधाएं हैं, जो सभी को एक सूत्र में पिरोने का कार्य करती हैं। ऐसा ही कुछ हरियाणा कला परिषद मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर की भरतमुनि रंगशाला में देखने को मिला। मैक में चल रहे लोहड़ी व संक्रांति उत्सव के दूसरे दिन कोटा राजस्थान के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा को दिखाया। नप अध्यक्षा उमा सुधा बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रही। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीकृष्ण संग्रहालय के क्यूरेटर राजेंद्र राणा ने की। विशिष्ट अतिथि के रुप भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्षा रेणू खुग्गर, महामंत्री अनू माल्यान, समाजसेवी जय भगवान ¨सगला उपस्थित रहे। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत मुख्यातिथि ने दीप प्रज्जवलित कर की। मैक के क्षेत्रीय निदेशक संजय भसीन ने मुख्यातिथि उमा सुधा को पौधा भेंट कर स्वागत किया।

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राजस्थानी लोक रंगों से सजे कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति राजस्थानी लोक गायन की रही। जिसमें राजकुमार रावल और उनके साथी कलाकारों ने स्वागत गीत केसरिया बालम आवो नी पधारो म्हारे देश प्रस्तुत किया। इसके बाद मधू, मनीषा, संगीता, मंजू और शिमला देवी ने चकरी नृत्य से सभी का मन मोहा। अगली प्रस्तुति में राजस्थान की महिला कलाकारों ने चरी नृत्य प्रस्तुत किया। जिसमें राजस्थान की महिलाओं द्वारा पानी भरने जाते समय सिर पर कलश रखकर किये जाने वाले नृत्य को प्रस्तुत किया गया। चरी नृत्य के बाद घूमर नृत्य में महिला कलाकारों घूंघट में नृत्य कर सभी का भरपूर मनोरंजन किया। एक के बाद एक प्रस्तुति ने दर्शकों का खूब मन मोहा। बिछुआ नृत्य में कलाकारों ने पति और पत्नी की नोकझोंक को दिखाने का प्रयत्न किया। नृत्यों के साथ-साथ लोकधुनों और लोकगीतों ने भी खूब समां बांधा। राजकुमार रावल और शिमला देवी की मधुर आवाज में मंगल गीत का सभी ने आनंद लिया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति राजस्थान का प्रसिद्ध नृत्य काल बेलिया की रही। इसमें मनीषा व मधु ने नृत्य के माध्यम से अलग-अलग करतब दिखाकर लोगों का खूब मनोरंजन किया। राजस्थानी कार्यक्रम का लोगों ने भरपूर आनंद उठाया। कार्यक्रम के अंत में उमा सुधा ने कलाकारों को सम्मानित किया।


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