आत्महत्या के लिए मजबूर करने के तीन दोषियों को 10-10 साल कैद
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाल चंद की अदालत ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने की दोषी दो महिलाओं सहित तीन को 10-10 साल कैद की है। अदालत ने दोषियों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषियों को छह माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाल चंद की अदालत ने आत्महत्या के लिए मजबूर करने की दोषी दो महिलाओं सहित तीन को 10-10 साल कैद की है। अदालत ने दोषियों पर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी किया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषियों को छह माह की अतिरिक्त कैद काटनी होगी।
डिप्टी अटार्नी गोपाल कुमार ने बताया कि 23 जुलाई 2015 को एक व्यक्ति ने थाना लाडवा में शिकायत दर्ज कराई थी कि 20 फरवरी 2015 को मंगत राम, रामकुमार व राजेश कुमार ने उसकी पौत्री के साथ दुष्कर्म किया था। मामले में दो आरोपित प्रवीण कुमार व मंगत राम जेल में थे। रामकुमार व राजेश कुमार पर केस विचाराधीन था। आरोपित उसे व उसके परिवार के सदस्यों को धमकी देते थे कि केस वापस ले ले, नहीं तो उसे जान से मार देंगे। 23 जुलाई 2015 को परमवती, राजेश व अन्य उनके घर आए। उस समय परिवार के सभी सदस्य मजदूरी करने के लिए बाहर ले गए। उसकी पौत्री घर में अकेली थी। आरोपितों ने उसकी पौत्री के साथ मारपीट की और उसे धमकी दी कि वे उनके परिवार को जान से मार देंगे। आरोपितों ने उसे भी आत्महत्या के लिए मजबूर किया। जिस पर उसने मिट्टी का तेल छिड़क कर खुद को आग लगा दी। पुलिस ने मामले की जांच कर परमवती, कांता देवी व राजेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज किया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लाल चंद की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात आरोपितों को दोषी करार दिया। अदालत ने दोषियों को 10-10 साल कैद की।