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तीन नाबालिग दोस्त संदिग्ध परिस्थितियों में लापता

देर शाम शहर से संदिग्ध परिस्थितियों में तीन नाबालिग लापता हो गए। तीनों बच्चे फोर मरला कॉलोनी में रहते हैं और तीनों ही दोस्त हैं। बच्चों के लापता होने की सूचना जैसे ही शहर में फैली लोग घबरा गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 09:51 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 09:51 AM (IST)
तीन नाबालिग दोस्त संदिग्ध परिस्थितियों में लापता
तीन नाबालिग दोस्त संदिग्ध परिस्थितियों में लापता

संवाद सहयोगी, पिहोवा : देर शाम शहर से संदिग्ध परिस्थितियों में तीन नाबालिग लापता हो गए। तीनों बच्चे फोर मरला कॉलोनी में रहते हैं और तीनों ही दोस्त हैं। बच्चों के लापता होने की सूचना जैसे ही शहर में फैली लोग घबरा गए। पिहोवा के नवनिर्वाचित विधायक संदीप सिंह भी मामले की संजीदगी को देखते हुए तुरंत पुलिस चौकी पहुंचे और उन्होंने एसएचओ मलकीत सिंह व चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार से मामले की पूरी जानकारी ली। उन्होंने पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने के साथ-साथ जल्द ही बच्चों को ढूंढ निकालने के लिए कहा है।

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फोर मरला कालोनी निवासी चरणजीत सिंह ने बताया कि उसका 15 वर्षीय बेटा माहिर धवन और उसके दोस्त 13 वर्षीय भविष्य तनेजा और लक्ष्य वर्मा बिना बताएं कहीं चले गए। उन्होंने बताया कि उसका बेटा देवीगढ़ स्थित एक निजी स्कूल में 10वीं कक्षा में पढ़ता है। 29 अक्टूबर को स्कूल की छुट्टी थी, जिसके चलते वह अपने दोस्त लक्ष्य वर्मा व भविष्य तनेजा के साथ गुरुद्वारा रोड स्थित एक रेडिमेड दुकान पर बैठे थे। जहां से शाम छह बजे वे तीनों बिना बताए कहीं चले गए। उन्होंने आसपास व रिश्तेदारी में तलाश की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं लग पाया।

बच्चों को ढूंढने के लिए पांच टीम गठित

एसएचओ मलकीत सिंह ने बताया कि उन्होंने बच्चों की तलाश के लिए साइबर सेल, सीआइए एक की टीम के साथ पांच टीमों का गठन किया। जो जगह-जगह बच्चों की तलाश कर रही है। जांच के दौरान उन्हें नीलोखेड़ी निवासी निजी बस परिचालक काला सिंह ने बताया उनकी बस पिपली से रात सात बजे करनाल के लिए निकली थी। जिसमें उक्त तीनों बच्चे सवार थे। जिन्हें उन्होंने रात करीब आठ बजे करनाल के पुराने बस अड्डे पर उतारा था। ई-रिक्शा चालक से पूछा था निर्मल कुटिया का पता

जांच में लगी टीमों ने करनाल पहुंचने की पुष्टि को बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी फुटेज को देखकर की है। तीनों बच्चे करनाल बस अड्डे से बाहर आते साफ दिखाई दे रहे हैं। एसएचओ ने बताया कि टीम को जानकारी मिली थी कि तीनों बच्चों ने एक ई-रिक्शा चालक से निर्मल कुटिया का पता भी पूछा था। उन्होंने बच्चों के किडनैपिग के मामले को निराधार बताते हुए कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साफ नजर आ रहा है कि उनकी किडनैपिग नहीं हुई है और वे अपनी मर्जी से घर से गए दिख रहे हैं।


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