पोलिथिन का प्रयोग करने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा
डीसी डॉ.एसएस फुलिया ने कहा कि नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अधिकारियों को पोलिथिन रखने वाले और प्रयोग करने वाले लोगों पर शिकंजा कसना होगा। आदेशों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई भी अमल लानी होगी।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: डीसी डॉ.एसएस फुलिया ने कहा कि नगर परिषद और नगर पालिकाओं के अधिकारियों को पोलिथिन रखने वाले और प्रयोग करने वाले लोगों पर शिकंजा कसना होगा। आदेशों की अवहेलना करने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई भी अमल लानी होगी। जिले में 31 अगस्त तक एनजीटी के एक-एक आदेश कि पालना करनी होगी और इस मामले में जो भी अधिकारी लापरवाही बरतेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वे शुक्रवार को लघु सचिवालय एनआइसी कार्यालय में एनजीटी के आदेशों की पालना को लेकर विभिन्न विषयों पर नप व नगर पालिकाओं के अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अभियान के तहत थानेसर नगर परिषद में 132 चालान करके 95 हजार 500 रुपये का जुर्माना वसूला किया है। लाडवा नपा ने तक 56 चालान करके 62 हजार रुपये का जुर्माना किया है। इस्माईलाबाद नपा की तरफ से हर माह चालान किए जा रहे हैं और नपा पिहोवा द्वारा 22 चालान किए गए हैं। थानेसर में 30 डंबर गीले कचरे के लिए और 30 डंपर सूखे कचरे के लिए लगाए गए हैं। शहर में कामर्शियल क्षेत्र में 1490 छोटे डस्टबिन रखे गए हैं। शाहाबाद में हर 100 मीटर, लाडवा में 120 व पिहोवा में हर 100 मीटर के बाद छोटा डस्टबीन रखा गया है। थानेसर शहर के कामर्शियल क्षेत्र को रात्रि के समय साफ करने के लिए 50 डंपर लगाए गए हैं। इसी तरह सभी अधिकारियों को व्यवसायिक क्षेत्र के साथ-साथ रिहायशी क्षेत्रों को स्वच्छ बनाने डीसी ने आदेश दिए कि शहरों में सड़कों पर किसी भी तरह की निर्माण सामग्री नजर नहीं आनी चाहिए। नगर परिषद थानेसर ने लोगों को वेस्ट निर्माण सामग्री को उठाने के लिए एक हजार रुपये प्रति ट्राली मुहैया करवाने की सुविधा भी दी है। बायोमेडिकल वेस्ट का उठान करने के लिए रुद्राक्ष कंपनी कार्य कर रही है। सरस्वती में सीवरेज का पानी 22 जगह
सरस्वती नदी में सीवरेज का पानी जाने से रोकने के लिए नगर परिषद थानेसर कार्य कर रही है। नदी में 22 जगहों से पानी जा रहा था, इसमें से 18 जगहों को बंद कर दिया गया है। इस पर करीब 80 लाख रुपये खर्च होगा। इसी तरह शाहबाद, लाडवा और पिहोवा में भी कार्य किया जा रहा है।