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डीसी के आदेश के बाद भी थर्माकोल पर नहीं प्रतिबंध

ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर पर आयोजित किए जा रहे भंडारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक और थर्मोकोल डिस्पोजल प्लेट्स का प्रयोग हो रहा है। रविवार को भी एक संस्था की ओर से आयोजित भंडारे में लोगों को थर्माकोल की प्लेट्स में भोजन परोसा गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:20 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:20 AM (IST)
डीसी के आदेश के बाद भी थर्माकोल पर नहीं प्रतिबंध
डीसी के आदेश के बाद भी थर्माकोल पर नहीं प्रतिबंध

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर पर आयोजित किए जा रहे भंडारों में प्रतिबंधित प्लास्टिक और थर्मोकोल डिस्पोजल प्लेट्स का प्रयोग हो रहा है। रविवार को भी एक संस्था की ओर से आयोजित भंडारे में लोगों को थर्माकोल की प्लेट्स में भोजन परोसा गया। ग्रीन अर्थ संगठन ने मौके पर पहुंचकर संस्था को इसका प्रयोग नहीं करने की अपील की। संगठन के मुताबिक प्रतिबंध के बावजूद अभी भी कई धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के कार्यक्रम में इसे प्रयोग किया जा रहा है जो गैर कानूनी है। यह तब है जब डीसी शरणदीप कौर बराड़ चार दिन पहले ही प्लास्टिक पर प्रतिबंध की अनुपालना करने के आदेश दे चुकी हैं।

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ग्रीन अर्थ संगठन की सदस्य मोनिका भारद्वाज ने बताया कि कुरुक्षेत्र में कई धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं की ओर से हर रोज भंडारे लगाए जाते हैं। इनमें प्रतिबंधित प्लास्टिक थर्मोकोल डिस्पोजल प्लेट्स, गिलास, कप, बाउल व प्लास्टिक चम्मच प्रयोग किया जा रहा है। जाने-अनजाने में इन डिस्पोजल सामान का प्रयोग करके लोगों की सेहत व पर्यावरण से खिलवाड़ किया जा रहा है। इन डिस्पोजल सामान का स्वास्थ्य व पर्यावरण पर नुकसान को देखते हुए हरियाणा सरकार के नोटिफिकेशन 20 अगस्त 2013 के तहत सिगल यूज डिस्पोजल सामान के भंडारण, बेचने व इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध है, उल्लंघन करने पर 500 से 25 हजार रुपये जुर्माना और तीन महीने की जेल हो सकती है। मोनिका भारद्वाज ने कहा कि डिस्पोजल सामान में खाने-पीने से खतरनाक माइक्रो प्लास्टिक कण व अन्य केमिकल शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होती हैं। ये डिस्पोजल सामान अग्नशील होते हैं, इनसे कचरा फैलता है, सीवर के अवरुद्ध कर देते हैं। जलाने पर यही डिस्पोजल कैंसर करने वाली डाइऑक्सिन गैसें छोड़ते हैं। मोनिका भारद्वाज ने अपील की कि स्टील के बर्तन व पत्ते से बनी पत्तलें, दोने प्रयोग करना स्वास्थ्य व पर्यावरण के अनुकूल है। संगठन ने धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं से अपील की है की भंडारे व अन्य आयोजनों में डिस्पोजल का सामान प्रयोग करने की बजाए पत्ते से बनी पत्तलों या स्टील की प्लेटों का प्रयोग किया जाना सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए ज्यादा अच्छा है। चार दिन पहले डीसी ने दिए थे आदेश

उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने चार दिन पहले ही प्लास्टिक और पोलिथिन पर रोक लगाने के लिए नगर परिषद और नगर पालिका के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में थोक विक्रेताओं पर शिकंजा कसने के साथ-साथ चालान करने के आदेश दिए थे। जिले में पोलिथिन और प्लास्टिक के प्रचलन को बंद करने की बात भी कही थी। इसके लिए अधिकारियों को गंभीरता से काम करने की हिदायत दी गई थी।


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