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जिले में प्लेटलेट्स किट की कमी नहीं

जिले में डेंगू रोगियों के लिए प्लेटलेट्स सुरक्षित रखने वाली किट की फिलहाल कोई कमी नहीं है। जिले में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स किट उपलब्ध है। हालांकि प्लेटलेट्स डोनेट करने वाले नियमित रक्तदाताओं की कमी जरूर हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 10:43 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 10:43 PM (IST)
जिले में प्लेटलेट्स किट की कमी नहीं
जिले में प्लेटलेट्स किट की कमी नहीं

-प्लेटलेट्स डोनेट करने वाले डोनर की कमी

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जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

जिले में डेंगू रोगियों के लिए प्लेटलेट्स सुरक्षित रखने वाली किट की फिलहाल कोई कमी नहीं है। जिले में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स किट उपलब्ध है। हालांकि प्लेटलेट्स डोनेट करने वाले नियमित रक्तदाताओं की कमी जरूर हो गई है। रक्तदान शिविर का आयोजन करने वाली संस्थाओं के मुताबिक प्लेटलेट्स डोनेट करने के लिए लोग तो आगे आ रहे हैं, लेकिन मरीज इतने ज्यादा हैं कि आए दिन एक एक नहीं बल्कि कई-कई मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ रही है, जिससे नियमित प्लेटलेट्स की कमी पड़ गई है।

प्लेटलेट्स डोनेट करने वाले डोनर कम मिल रहे : रामेश्वर सैनी

सर्वसमाज कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष रामेश्वर सैनी ने बताया कि जिले में प्लेटलेट्स डोनेट करने वाले डोनर कम होते जा रहे हैं। प्लेटलेट्स डोनेट करने में समय लगता है और डोनेट करने से पहले कई तरह के टेस्ट होते हैं। ऐसे में प्लेटलेट्स डोनेट करने के लिए नियमित रक्तदाता ही आगे आते हैं। जिले में प्लेटलेट्स की इतनी डिमांड है कि बहुत ही मुश्किल से प्लेटलेट्स डोनेट करने वाले मिल रहे हैं।

पहले प्लेटलेट्स की डिमांड कम ही रहती थी। मगर अब बढ़ती जा रही है।

पर्याप्त संख्या में प्लेटलेट्स किट उपलब्ध

केमिस्ट शाप संगठन के महासचिव अशोक सिगला ने बताया कि जिले में प्लेटलेट्स किटों की कोई कमी नहीं है। जिले में पर्याप्त मात्रा में जंबो और छोटी किट उपलब्ध है। किसी भी तरह की पैनिक होने की जरूरत नहीं है। केमिस्ट शाप संचालक इसके लिए तैयार हैं। डिमांड बढ़ी जरूर है लेकिन अभी पर्याप्त किटें उपलब्ध हैं।

जिले में संदिग्ध डेंगू से एक की मौत

जिले में संदिग्ध डेंगू से चक्रवर्ती मोहल्ला निवासी एक युवक की मौत हो गई। युवक कई दिनों से बुखार की चपेट में था और निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। वहीं दूसरी ओर जिले के निजी अस्पतालों में बुखार के चलते तेजी से प्लेटलेट्स गिर रहे मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है। खुद सरकारी अस्पताल में प्लेटलेट्स गिरने की समस्या के चलते कई मरीज पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि एलएनजेपी अस्पताल को आठ-आठ बेड के दो वार्ड अस्पताल में तैयार करने पड़े, जबकि पिछले साल चार ही बेड के दो कमरे तैयार किए गए थे। वहीं स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में अब तक 93 ही डेंगू के मरीज मिले हैं। जबकि जिले में डेंगू का इतना जबरदस्त प्रभाव है कि रक्तदान शिविर लगाने वाली सामाजिक संस्थाओं के पास सिगल प्लेटलेट्स डोनर की भी कमी पड़ गई है।


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