अनाज मंडियों में व्यवस्था नहीं हो पा रही बहाल, खरीद केंद्रों पर हालात बदतर
प्रदेश सरकार की ओर से एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू करने के बावजूद चार अप्रैल तक भी अनाज मंडियों में व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है। जिला भर की ज्यादातर अनाज मंडियों में साफ-सफाई और लाइटिग की उचित व्यवस्था नहीं हो पाई है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार की ओर से एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू करने के बावजूद चार अप्रैल तक भी अनाज मंडियों में व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है। जिला भर की ज्यादातर अनाज मंडियों में साफ-सफाई और लाइटिग की उचित व्यवस्था नहीं हो पाई है। अनाज मंडियों में पक्का फर्श होने पर कुछ राहत है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बने खरीद केंद्रों पर चारों ओर अव्यवस्था का आलम है। इन खरीद केंद्रों पर चारों ओर गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं। कई जगहों पर कूड़े के साथ-साथ गोबर भी पड़ा है। बिजली और पानी की कहीं भी व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में आढ़तियों के सामने संकट है कि वह गेहूं पहुंचने पर किसान और मजदूरों को बिजली और पानी से कहां से उपलब्ध करवाएंगे। अधिकारियों की ओर से बार-बार सख्त निदेश दिए जाने के बावजूद हालातों में सुधार नहीं हो पा रहा है।
गौरतलब है कि डीसी शरणदीप कौर बराड़ की ओर से पहले ही सभी तरह की तैयारियां पूरी करने के सख्त निर्देश दिए गए थे। बाकायदा इसके लिए संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई थी। इसके बावजूद अभी तक हालातों में सुधार नहीं हो पा रहा है। ठेकेदार सभी व्यवस्थाओं को लंबा खींच रहे हैं। किसान नेता रामदिया कन्यान ने कहा कि अधिकारी कागजी दावे कर रहे हैं। अनाज मंडियों में व्यवस्था के नाम पर किसान को परेशान किया जा रहा है। ठेकेदार चालाकी बरतते हुए कर रहे देरी
मार्केटिग बोर्ड की ओर से अनाज मंडियों में सफाई से लेकर बिजली और पानी की व्यवस्था करने के लिए लाखों रुपये का ठेका दिया जाता है। लेकिन ठेकेदार चालाकी बरतते हुए काम पूरा नहीं करते। ठेकेदार जान बूझकर खरीद शुरू होने और आढ़ती के मजदूरों के पहुंचने का इंतजार करते हैं। उन्हें मालूम है कि किसान के गेहूं लेकर मंडी में पहुंचने पर आढ़ती के मजदूर अपने आप गेहूं उतारने के लिए जगह की सफाई करवा देंगे। उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी रिपोर्ट
थानेसर नई अनाज मंडी मार्केट कमेटी के सचिव हरजीत सिंह ने कहा कि ठेकेदार को कई बार उचित सफाई करने के निर्देश दिए हैं। गांव अमीन खरीद केंद्र के आढ़तियों ने उनके सामने समस्या उठाई है। ठेकेदार की लगातार अनदेखी पर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।