लाखों रुपये की लागत से तैयार सार्वजनिक शौचालय से उठ रही दुर्गंध
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शहर के मध्य में बने व्यवसायिक सेक्टर-17 में सार्वजनिक शौचालयों से दुर्गंध उठ रही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : शहर के मध्य में बने व्यवसायिक सेक्टर-17 में सार्वजनिक शौचालयों से दुर्गंध उठ रही है। महंगे शोरूमों के सामने लाखों रुपये की लागत से तैयार शौचालय बदहाल होने लगे हैं। एसोसिएशन ने कुछ माह तक इन्हें सुचारू रूप से चलाने के लिए काम किया, मगर इन पर प्रतिमाह होने वाले हजारों रुपये के खर्च के कारण उन्होंने भी हाथ खींच लिए। आलम यह है कि अब उनके पास से गुजरना भी मुश्किल हो चला है। एक सितंबर 2015 में दिया था सफाई का ठेका हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से एक सितंबर 2015 को सफाई का टेंडर पंचकुला की एक फर्म को दिया गया था। यह टेंडर एक वर्ष के लिए अलॉट हुआ था, परंतु इसे 31 अगस्त 2018 तक उसी ठेकेदार के कार्य को तीन-तीन माह के लिए बढ़ाया गया। टेंडर न होने के कारण ठेकेदार भी कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता, जब भी सफाई कार्य की शिकायत की जाती है तो जवाब मिलता था कि उनके पास टेंडर नहीं है। एसोसिएशन ठेकेदार के कर्मियों व अपने निजी खर्च से सेक्टर में स्थापित तीन शौचालयों की देखभाल कर रही थी, मगर टेंडर न होने के कारण अब कर्मचारी ही उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। सफाई कार्य व सार्वजनिक शौचालय हैं बदहाल टेंडर खत्म होने के कारण सेक्टर में बदहाली छाई हुई है। सेक्टर में सफाई कार्य व सार्वजनिक शौचालय बदहाल हैं। लाखों रुपये की लागत से बनाए सार्वजनिक शौचालय बंद पड़े हैं। इनसे उठने वाली दुर्गंध कारण उनके पास से निकलना भी मुश्किल हो चला है। एक शौचालय के टूट हुए हैं दरवाजे सेक्टर 17 के पश्चिमी ब्लाक में बना सार्वजनिक शौचालय कूड़ेदान बन गया है। इस शौचालय के दरवाजे टूटे हुए हैं और अंदर टूंटियां भी गायब हैं। अब इस शौचालय में कूड़ा पड़ा है। सीएम ¨वडो पर दी शिकायत सेक्टर 17 सिटी सेंटर वेलफेयर सोसायटी ने सीएम ¨वडो पर शिकायत दी है। प्रधान राजेश्वर गोयल ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस बात की जांच की जाए कि अगस्त 2018 तक कौन ठेकेदार किस की अनुमति से सफाई कार्य करवा रहा था। इस कार्य के लिए कोई अनुमति दी की नहीं। इसकी भी जांच कराई जाए कि एचएसवीपी के अधिकारियों ने नया टेंडर क्यों नहीं किया।
तत्कालीन उपायुक्त सुमेधा कटारिया के प्रयासों से बना था शौचालय
सेक्टर 17 के दक्षिणी ब्लाक में बना शौचालय तत्कालीन उपायुक्त सुमेधा कटारिया के प्रयासों से बना था। एचएसवीपी इसे बनाने के लिए तैयार नहीं थी। एसोसिएशन ने उपायुक्त सुमेधा कटारिया के समक्ष उठाया, जिन्होंने इसे बनाने के लिए एचएसवीपी को आदेश दिए थे।
एसोसिएशन के पास नहीं है आय का कोई साधन : राजेश्वर गोयल
सेक्टर 17 सिटी सेंटर वेलफेयर सोसायटी के प्रधान राजेश्वर गोयल का कहना है कि सेक्टर में तीन सार्वजनिक शौचालय हैं, इनमें से दो की हालत खराब है। इन पर लगभग प्रतिमाह 20 हजार रुपये खर्च आता है। एसोसिएशन के पास आय का कोई साधन नहीं है। इसके चलते अब ये बदहाल हो रहे हैं।
इनके लिए तैनात होने चाहिए कर्मी : चैतन्य एसोसिएशन के सदस्य चैतन्य ¨सघल का कहना है कि प्रशासन स्वच्छता के दावे करती है, मगर सार्वजनिक शौचालयों में कर्मचारियों को तैनात नहीं किया जाता। सबसे व्यस्त सेक्टर होने के कारण यहां कर्मचारी तैनात होने चाहिए जो शौचालयों को साफ रखें।