कंट्रोल्ड एरिया के प्लाटों की रजिस्ट्रियों जांच के दायरे में आई, निदेशालय ने मांगी रिपोर्ट
कुरुक्षेत्र । तहसीलों में रजिस्ट्रियों में भ्रष्टाचार का मामला गर्माया हुआ है।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : तहसीलों में रजिस्ट्रियों में भ्रष्टाचार का मामला गर्माया हुआ है। इस मामले पर उठे बवाल के बाद कुरुक्षेत्र नगर योजनाकार विभाग की ओर से एक रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम कार्यालय को भेजी गई है। इस रिपोर्ट में 7-ए के दायरे में आने वाले 44 गांवों में पिछले ढाई साल में हुई रजिस्ट्रियों का ब्योरा दिया गया है। जिसमें इन गांवों में ढाई साल में 10 से 12 हजार रजिस्ट्रियां हुई हैं। इस रिपोर्ट में उन सभी रजिस्ट्रियों को शामिल किया गया है जो नगर योजनाकार विभाग से बगैर एनओसी लिए की गई हैं। इस तरह की कार्रवाई की भनक लगते ही रजिस्ट्री करवाने वालों में हलचल मची हुई है। कंट्रोल्ड एरिया में डीटीपी से एनओसी जरूरी
प्रदेश सरकार की ओर से जारी नियमानुसार कंट्रोल्ड एरिया में दो कनाल से कम की रजिस्ट्री के लिए नगर योजनाकार विभाग से एनओसी लिया जाना जरूरी है। लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारी पिछले कई सालों से बगैर एनओसी लिए ही रजिस्ट्रियां कर रहे हैं। मामला गर्माने पर पिछले दिनों प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्रियां पूरी तरह से बंद कर इस तरह के मामलों की जांच शुरू कर दी है। खसरा नंबर सहित सौंपी जानकारी
इस भारी भरकम रिपोर्ट में नगर योजनाकार विभाग की ओर से अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2019 तक की ही जानकारी सौंपी गई है। इस समयावधि में ही कंट्रोल्ड एरिया में 10 हजार से अधिक रजिस्ट्रयां हुई हैं। रिपोर्ट में खसरा नंबर भी अंकित किए गए हैं। कंट्रोल्ड एरिया में शामिल गांव
आलमपुर, अमरगढ़ मझाड़ा, बहादुरपुरा, बाहरी, बजीदपुर, भिवानी खेड़ा, बीर पिपली, बोहली, चंद्रभानपुर, दबखेड़ी, दयालपुर, दर्रा कलां, दर्रा खेड़ा, दर्रा खुर्द, देवीदासपुरा, डोडा खेड़ी, फतुहपुर, गुलाबगढ़, हर्मपुर, जोगनखेड़ा, जीरबड़ी, ज्योतिसर, कैंथला कलां, कैंथला खुर्द, खेड़ी ब्राह्मणा, खेड़ी मारकंडा, खेड़ी रामनगर, मिर्जापुर, नरकातारी, पलवल, प्रतापगढ़, पिपली, रामगढ़, रावगढ़, रतगल, रत्नडेरा, सलारपुर, समशीपुर, सुनहेड़ी खालसा, सांवला, शादीपुर लाडवा, सिरसमा, सुंदरपुर, उमरी धड़ाधड़ हुई रजिस्ट्रियां
नियमों की अनदेखी कर शहर के चारों ओर पिछले कई सालों से धड़ाधड़ कॉलोनियां कटी और रजिस्ट्रियां हुई हैं। ऐसे में कई ऐसी जगहों पर भी कॉलोनियों काट दी गई हैं जहां पर विभाग की योजना के अनुसार शहर का विस्तार होने पर सड़कें बनाई जानी थी। अब यही अव्यवस्थित कॉलोनियां शहर के विकास में बाधा बन गई हैं। जांच के बाद उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी रिपोर्ट
एसडीएम थानेसर आइएएस अखिल पिलानी ने बताया कि नगर योजनाकार विभाग की रिपोर्ट मिली है। इस दौरान हुई सभी रजिस्ट्रियों की जांच की जा रही हैं। इसके लिए टीम जांच पड़ताल में लगी है। इसकी पूरी तरह से जांच के बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी।