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कुवि प्रशासन के आगे कुंटिया पस्त, आमसभा की बैठक में पहुंचे केवल नेता

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गैर शिक्षक कर्मचारी संघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जिसका असर कुंटिया पर साफ दिखने लगा है। प्रशासन की बेरुखी के कारण कुंटिया की बैठकों से कर्मचारी दूर भी रहने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 01:21 AM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 01:21 AM (IST)
कुवि प्रशासन के आगे कुंटिया पस्त, आमसभा की बैठक में पहुंचे केवल नेता
कुवि प्रशासन के आगे कुंटिया पस्त, आमसभा की बैठक में पहुंचे केवल नेता

कुवि प्रशासन के आगे कुंटिया पस्त, आमसभा की बैठक में पहुंचे केवल नेता

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जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गैर शिक्षक कर्मचारी संघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। जिसका असर कुंटिया पर साफ दिखने लगा है। प्रशासन की बेरुखी के कारण कुंटिया की बैठकों से कर्मचारी दूर भी रहने लगे हैं। बृहस्पतिवार को कुंटिया की आमसभा की बैठक से विश्वविद्यालय के कर्मचारी नदारद रहे। आलम ये है कि जिस कुंटिया के लगभग 1400 सदस्य हैं उनमें से बैठक में मात्र 20 से 30 कर्मचारी ही पहुंचे। ये भी वे कर्मचारी थे जो कुंटिया में कर्मचारी नेता के रूप में जाने जाते हैं। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए सांयकालीन हाजिरी मांगी गई है। जिसके कारण कर्मचारी डर गए और बैठक में नहीं पहुंचे।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गैर शिक्षक कर्मचारियों की ओर से दो माह पूर्व की गई हड़ताल का असर प्रशासन के साथ कर्मचारियों के रिश्तों पर साफ दिख रहा है। कर्मचारी संघ और प्रशासन में तनातनी अब भी बरकरार है। बृहस्पतिवार को यह खुलकर सामने आ गई। कर्मचारी संघ की ओर से आम सभा की बैठक करने के लिए समय दिया गया था। जिसमें कुंटिया प्रधान रामकुमार गुर्जर की ओर से सभी कर्मचारियों से अपील की गई थी कि वे आमसभा की बैठक में पहुंचे, लेकिन प्रशासन के डर से बैठक में मात्र 30 कर्मचारी नेता ही पहुंचे। अन्य सभी कर्मचारी अपनी-अपनी सीटों पर कार्य करते रहे। बाक्स

दबाव बनाने के लिए मांगी हाजिरी

बैठक में कर्मचारी नेता प्रधान रामकुमार गुर्जर, पूर्व प्रधान सुनील कक्कड़, महासचिव नीलकंठ शर्मा, पूर्व महासचिव भारत भूषण, संत कुमार कर्मचारी नेताओं के अलावा कुल 30 कर्मचारी थे। इन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि कर्मचारियों पर दबाव बनाने के लिए सांयकालीन हाजिरी मांगी गई थी। कर्मचारियों को बैठक के लिए साढ़े तीन बजे का समय दिय गया था और प्रशासन ने सभी अधीक्षकों को तीन बजे हाजिरी देने के आदेश जारी कर दिए थे। जिससे कर्मचारी दबाव में रहे और उन्होंने टकराव नहीं करना चाहा। कर्मचारी नेताओं ने प्रशासन पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाया है। हाजिरी मंगवाई गई थी प्रशासन की ओर से : प्रवक्ता

कुवि प्रवक्ता डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की हाजिरी मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक प्रक्रिया है इससे कर्मचारियों की बैठक से कोई लेना देना नहीं है।


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