जरूरतमंद बच्चे और बुजुर्ग भी सीखेंगे नृत्य और संगीत की बारीकियां
अपने घर-परिवार को छोड़ बाहर जीवन व्यतीत करने वाले बुजुर्गों का सहारा बनने के लिए प्रेरणा वृद्धाश्रम एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। यही नहीं वृद्धों की देखभाल के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए भी यहां विशेष तौर पर निशुल्क शिक्षा मुहैया कराई जा रही है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अपने घर-परिवार को छोड़ बाहर जीवन व्यतीत करने वाले बुजुर्गों का सहारा बनने के लिए प्रेरणा वृद्धाश्रम एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है। यही नहीं, वृद्धों की देखभाल के अलावा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए भी यहां विशेष तौर पर नि:शुल्क शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। ये बातें विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक डॉ. रामेंद्र सिंह ने कहीं।
वे आश्रम में समाजसेवी संस्था रोटरी की युवा इकाई रोट्रेक्ट क्लब के संयुक्त तत्वावधान में लगाई जा रही संगीत एवं नृत्य तथा आर्ट एंड क्राफ्ट कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। डॉ. रामेंद्र ने कहा कि इस विशेष कार्यशाला से जरूरतमंद बच्चों की प्रतिभा में निखार आएगा और वे कला संबंधी बारीकियां सीखकर जीवन पथ पर कामयाबी की तरफ अग्रसर हो सकेंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंची कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संगीत एवं नृत्य विभागाध्यक्ष डॉ. शुचिस्मिता ने भजन सुनाकर सभी को भाव-विभोर कर दिया। वहीं अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना सुरभि ने कत्थक की शानदार प्रस्तुति देकर सबको झूमने पर विवश कर दिया। दर्शकों ने उत्सुकता के साथ कत्थक प्रस्तुति देख तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकार का हौसला बढ़ाया। समाजसेवी जयभगवान सिगला ने बताया कि बच्चों के लिए कला संबंधी कार्यशाला के आयोजन पर उन्हें काफी खुशी महसूस हो रही है। जिन बच्चों के पास सुविधाएं नहीं हैं, उनके ज्ञानवर्धन के लिए यहां विभिन्न तरह की व्यवस्थाएं कराई जाएंगी। खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय नृत्यांगना सुरभि काठपाल इन बच्चों को कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण देंगी और उनके टेलेंट को पहचान आगे बढ़ने में मदद करेंगी। इसके अलावा वेस्टर्न डांस सिखाने के लिए उभरती कलाकार निशा आगे आई हैं। सिगला ने कहा कि प्रेरणा संस्था और रोट्रेक्ट द्वारा यह कार्यशाला बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका जरूरतमंद बच्चों को अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिए। रोट्रेक्ट की जिलाध्यक्ष सुरभि ने बताया कि कार्यशाला 25 जून तक चलेगी। इस प्रयास से अधिकाधिक बच्चों को कला क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। खासतौर पर बच्चों के मन से स्टेज का डर निकलना बहुत जरूरी है। बुजुर्गों ने भी कार्यशाला में हिस्सा लेने की इच्छा जाहिर की है, जोकि काफी हर्ष का विषय है। मंच का संचालन रंगकर्मी हरिकेश पपोसा ने किया। इस अवसर पर अजय बजाज, डॉ. नीरज मित्तल, अन्नपूर्णा शर्मा, संजीव छाबड़ा, हर्षित और बहराम रमेश मौजूद रहे।
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