मानवता की पेश की मिसाल मानसिक रूप से अक्षम महिला को दी नई ¨जदगी
शहर की धार्मिक व सामाजिक संस्थान एवं समाजसेवी लोगों के बीच नजर घुमाएं, तो इन दो शख्सियत का नाम समाज सेवा की अग्रणी पंक्ति में रखा जाएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
संवाद सहयोगी, पिहोवा: शहर की धार्मिक व सामाजिक संस्थान एवं समाजसेवी लोगों के बीच नजर घुमाएं, तो इन दो शख्सियत का नाम समाज सेवा की अग्रणी पंक्ति में रखा जाएं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिनमें एक है श्रीकृष्ण कृपा गोशाला समिति के उपप्रधान जगदीश तनेजा व दूसरे सीता देवी सेवा समिति के कोषाध्यक्ष सुदर्शन तनेजा। समाज सेवा से जुड़ा कोई भी कार्य हो, दोनों हर समय तत्पर रहते हैं। दोनों के अथक प्रयासों से एक महिला को नई ¨जदगी मिल सकी है।
दरअसल पिछले कई महीनों से बस स्टैंड व अनाज मंडी के नजदीक एक लावारिस व मंदबुद्धि महिला घूमती रहती थी। एक दिन अनाज मंडी के आढ़ती चुन्नी लाल ग्रोवर ने फोन पर जगदीश तनेजा को बताया कि उक्त महिला शारीरिक रूप से भी बीमार लगती है। जगदीश तनेजा ने मौके पर जाकर देखा तो पाया कि महिला के सिर में कीड़े चल रहे है। उन्होंने तुरंत अपने साथी सुदर्शन तनेजा को इस बारे बताया तथा दोनों ने स्थानीय दुकानदार श्याम लाल व वीरी को साथ भेजकर एक एंबुलेंस में महिला को करनाल में समाज सेवा से जुडे व निशुल्क चलाए जा रहे'अपना आशियाना'में पहुंचाया जहां अपना आशियाना के संचालक राजकुमार अरोड़ा ने अपनी टीम सहित महिला का उपचार शुरू कर दिया। अरोड़ा ने बताया कि कीड़े पड़ने की वजह से महिला के सिर की बहुत बुरी हालत थी कीड़े सिर के मांस को पूरी तरह से खा चुके थे यदि कुछ दिन ओर गुजरते तो महिला की जान भी जा सकती थी। उन्होंने जख्मों पर मरहम पट्टी करते हुए उसके रहने व भोजन आदि की व्यवस्था भी अपना आशियाना में ही की गई। उल्लेखनीय है कि सुदर्शन तनेजा लोगों को प्रेरित कर मृत्युपरांत पांच लोगों से नेत्रदान करवाने के साथ साथ लगभग सौ लोगों से नेत्रदान के फार्म भी भरवा चुके है वहीं जगदीश तनेजा भी गोशाला में लगभग 1500 गायों की सेवा को अपना नित्य कर्म मानते है। समाज सेवा से जुड़ी ऐसी मिसाल बहुत कम देखने को मिलती है। लोगों को ऐसे समाजसेवियों से प्रेरणा लेनी चाहिए।