मेस कर्मचारियों को सुनाया जुलाई में काम पर ना आने का फरमान
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मेस कर्मचारियों को जुलाई माह में काम पर ना आने का फरमान सुनाया गया है। विवि प्रशासन के इस फरमान पर मैस कर्मचारियों ने एतराज जताया है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से मेस कर्मचारियों को जुलाई माह में काम पर न आने के आदेश दिए हैं। मैस कर्मचारियों ने इस पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में मैस कर्मियों को काम से बाहर किया जा रहा है। इस परिस्थिति में अपने परिवार का पालन-पोषण नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही मैस कर्मचारियों ने तीन जुलाई तक फैसला वापस ना लिए जाने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में महिला और पुरुष के मिलाकर 21 के करीब हॉस्टल हैं। इन हॉस्टलों में पिछले कई सालों से मैस कर्मी काम कर रहे हैं। पिछले कई माह से शिक्षण संस्थान बंद होने पर मैस कर्मी भी खाली बैठे हैं। बताया जा रहा है कि हॉस्टल बंद रहने पर कुवि की प्रशासन की ओर से बुधवार को महिला छात्रावासों में मैस कर्मियों को जुलाई माह में काम पर ना आने की बात कही गई है। उन्हें कहा कि गया है कि कुवि की ओर से जुलाई माह का वेतन नहीं दिया जाएगा। एक मैस कर्मी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इन हालातों में वह अपने परिवार को लेकर कहां जाएंगे। वह सालों से मैस में काम कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।
बताया जा रहा है कि मैस कर्मियों की ओर से डीसी रेट दिए जाने की मांग को लेकर अदालत में मामला उठाया गया है। इसी मामले पर अदालत की ओर से डीसी कुरुक्षेत्र को पत्र भेजा कर जानकारी मांगी गई है। इस मामले पर एडीसी ने तीन जुलाई को कुवि प्रशासन और मैस कर्मचारियों को बुलाया है। कई मैस कर्मचारी 10 सालों से भी अधिक समय से हॉस्टलों की मैस में काम कर रहे हैं। इसी आधार पर वह डीसी रेट की मांग पर अड़े हैं और कुवि प्रशासन इससे बचना चाहता है।