पारे की गिरावट ने बिगाड़ा लोगों का मिजाज
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के बाद एकाएक चार डिग्री सेल्सियस गिरावट लोगों को रास नहीं आ रही।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के बाद एकाएक चार डिग्री सेल्सियस गिरावट लोगों को रास नहीं आ रही। एलएनजेपी अस्पताल में सर्दी-खांसी और वायरल के मरीजों की तादाद बढ़ गई है। वहीं अस्पताल की ओपीडी में 1500 मरीज पहुंचे, जिसमें बड़ी संख्या इसी तरह के मरीजों की रही। इतना ही नहीं ओपीडी बंद होने के बाद आपातकालीन विभाग में भी सांस, सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की लाइन नहीं टूट रही। खासकर बच्चे इस वायरल की चपेट में हैं। वहीं दूसरी ओर स्वाइन फ्लू के दो मामले मिलने और एक संदिग्ध स्वाइन फ्लू से मौत के बाद जिले में लोग घबराए हुए हैं। ऐसे में चिकित्सकों ने इस वायरल इंफेक्शन से बचने के लिए हाथ नहीं मिलाने और गर्म वस्त्रों का प्रयोग करने के लिए कहा है। 40 से ज्यादा मरीज आ रहे खांसी, जुकाम और वायरल के
फोटो संख्या : 12 एलएनजेपी अस्पताल के फिजिशियन डॉ. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने बताया कि अकेले उनके पास रोजाना 40 से ज्यादा मरीज खांसी, जुकाम और वायरल संक्रमण से पीड़ित आ रहे हैं। कई घरों में सभी लोग इस वायरल की चपेट में है। इसमें खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या होती है, जो तीन से चार दिन तक अपना प्रभाव दिखाती है। ऐसे मरीजों को घर पर ही रहकर इसका उपचार कराने की सलाह दी जा रही है। यह वायरल संक्रमण होता है जो एक से दूसरे को फैलता है ऐसे में लोगों को किसी दूसरे से हाथ न मिलाकर नमस्ते करने की सलाह दी जाती है। सांस के मरीजों की तकलीफ भी बढ़ी
फोटो संख्या : 13 झांब क्लीनिक संचालक डॉ. एनके झांब ने बताया कि सांस के मरीजों की तकलीफ इस मौसम में बढ़ जाती है। रोजाना 30 से 40 मरीज सांस के मरीजों के आ रहे हैं। ऐसे मौसम में सांस के मरीजों को सलाह है कि वे सुबह और सांय अपने घरों से बाहर न निकलें। अगर बाहर जाना भी पड़े तो मुंह पर कपड़ा या एयर फिल्टर मास्क लगाकर बाहर निकलें। सामान्य लोगों को भी ठंड में दौड़ने से परहेज करना चाहिए। हालांकि दिन में धूप निकलने के बाद सैर कर सकते हैं। बच्चों का रखें खास ख्याल : डॉ. तनुज बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. तनुज ने कहा कि बच्चों को विशेष तौर पर ठंड से बचाकर रखें। उन्हें बाहर ले जाते हुए पूरी तरह से ऊनी वस्त्रों से ढक लें। बच्चों की इम्युनिटी कॉफी कम होती है। इसलिए उन्हें कोई भी बीमारी जल्दी घेरती है। इसलिए बच्चों सिर पर टोपी और पैरों में जुराब डालकर ही बाहर लेकर जाएं।