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नाटक स्ल्यूथ से सजी उत्सव की शाम, उम्दा अभिनय के कायल हुए दर्शक

हरियाणा कला परिषद मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर अंबाला मंडल की ओर से विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित चार दिवसीय राष्टीय नाट्य उत्सव के दूसरे दिन देहरादून की एकलव्य नाट्य समिति द्वारा अखिलेश नारायण के निर्देशन में तैयार नाटक स्ल्यूथ का मंचन हुआ। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक तेजेंद्र शर्मा बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपनिदेशक डॉ.हितेंद्र त्यागी हरियाणा कला परिषद के सदस्य मोहनकांत तथा डॉ.पवन तोमर शामिल हुए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 06:09 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 06:09 AM (IST)
नाटक स्ल्यूथ से सजी उत्सव की शाम, उम्दा अभिनय के कायल हुए दर्शक
नाटक स्ल्यूथ से सजी उत्सव की शाम, उम्दा अभिनय के कायल हुए दर्शक

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा कला परिषद मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर अंबाला मंडल की ओर से विश्व रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित चार दिवसीय राष्टीय नाट्य उत्सव के दूसरे दिन देहरादून की एकलव्य नाट्य समिति द्वारा अखिलेश नारायण के निर्देशन में तैयार नाटक स्ल्यूथ का मंचन हुआ। इस मौके पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक तेजेंद्र शर्मा बतौर मुख्यातिथि पहुंचे। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपनिदेशक डॉ.हितेंद्र त्यागी, हरियाणा कला परिषद के सदस्य मोहनकांत तथा डॉ.पवन तोमर शामिल हुए। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। नाटक में कलाकारों ने दिखाया कि एक लेखक अपनी कहानियों को जीवंतता प्रदान करने के लिए नए-नए खेल खेलता रहता है। वह अपनी प्रेमिका के मित्र को घर पर बुलाता है और उसे घर से गहने चोरी करने को कहता है। प्रेमी मनोज इसका कारण पूछता है तो लेखक कुंवर उसे केवल एक खेल का हिस्सा बनने को कहता है। मनोज कुंवर की बात मान लेता है और खेल में शामिल हो जाता है। दोनों रात को शराब पीते रहते हैं और चोरी का खेल खेलते रहते हैं। मनोज कुंवर के घर से जेवर चुरा कर भागने लगता है तो कुंवर उसपर गोली चला देता है। मध्यांतर के बाद नाटक एक अलग मोड़ ले लेता है। मनोज एक डिटेक्टिव के भेष में आता है और कुंवर को मनोज के कत्ल के रुप फंसाने का प्रयास करता है। अभिनय तथा संवाद के बेहतरीन उपयोग को दर्शाते नाटक का दर्शकों ने भरपूर आनंद लिया। एक ओर जहां दो पात्रीय नाटक में अखिलेश नारायण और आकाश ने अपने अभिनय के साथ पूर्ण न्याय किया, वहीं नाटक के संवाद भी दिल को छू लेने वाले थे। नाटक के अंत में मुख्यातिथि तेजेंद्र शर्मा ने सभी कलाकारों को सम्मानित करते हुए कहा कि विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर आयोजित नाट्य उत्सव सबके लिए प्रेरणादायक हैं। इस अवसर पर रंगकर्मी मोहनकांत और डॉ.पवन तोमर को भी सम्मानित किया गया। मैक में नाटक अंधा युग का मंचन आज

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मैक में चल रहे चार दिवसीय नाट्य उत्सव में मणिपुर के कलाकारों द्वारा धर्मबीर भारती का लिखा बहुचर्चित नाटक अंधा युग मंचित किया जाएगा। जॉय मैसनम द्वारा निर्देशित नाटक का समय सायं 6 बजे रहेगा।


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