आपसी भाईचारे की सीख दे गया नाटक गांधी ने कहा था
हरियाणा कला परिषद मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर की ओर से नाटक गांधी ने कहा था का मंचन किया गया। राजेश कुमार के लिखे और अमित कुमार चौहान के निर्देशन में तैयार नाटक में हल्कारा ए थिएटर ग्रुप कुरुक्षेत्र के कलाकारों ने अभिनय किया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा कला परिषद मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर की ओर से नाटक गांधी ने कहा था का मंचन किया गया। राजेश कुमार के लिखे और अमित कुमार चौहान के निर्देशन में तैयार नाटक में हल्कारा ए थिएटर ग्रुप कुरुक्षेत्र के कलाकारों ने अभिनय किया। संस्कार भारती इकाई की अध्यक्ष किरण गर्ग और मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर गुरुग्राम मंडल के क्षेत्रीय निदेशक महेश जोशी विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंच का संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। नाटक हिदू मुसलमानों के बीच के आपसी द्वंद्व को समाप्त करते हुए नजर आया। नाटक में दिखाया गया कि हिदू मुसलमानों के दंगों के बीच तारकेश्वर पांडे का बेटा सूरज मारा जाता है जिसके बाद तारकेश्वर महात्मा गांधी के पास जाता है और दंगों के परिणाम के बारे में उन्हें अवगत कराता है। महात्मा गांधी तारकेश्वर को समझाते हैं कि खून का बदला खून नहीं होना चाहिए, तुम्हारा सूरज यदि मारा गया है तो किसी और सूरज को घर ले जाकर उसे मां बाप का प्यार दो। तब तारकेश्वर पांडे एक मुसलमान के बच्चे आफताब को घर ले जाता है, लेकिन तारकेश्वर की पत्नी सुमित्रा उसे अपने बेटे के रूप में अपनाने से इंकार कर देती है। धीरे-धीरे जब कहानी आगे बढ़ती है तो सुमित्रा और तारकेश्वर दोनों अपने पुत्र की तरह ही आफताब को प्रेम करने लगते हैं, लेकिन कुछ हिदू धर्म के ठेकेदारों को यह बात हजम नहीं होती और वे आफताब को मारने का प्रयास करते हैं। कितु तारकेश्वर के धमकाने से वे वापस लौट जाते हैं। नाटक वर्तमान दौर की सामाजिक, सांप्रदायिक और जातीय समस्याओं तथा उनके समाधान को गांधी जी के अहिसावादी नजरिये से पुन: चितन करने के लिए विवश करता है। नाटक में गांधी का अभिनय चंद्रशेखर शर्मा ने किया। अन्य भूमिकाओं में बीरबल, रमेश जुनेजा, सुभाष झा, रमनदीप, अनीशा गुप्ता, नीलम जुनेजा, पलक, गुरदीप, लक्की, नवीन, सुरेश, कमलेश शामिल रहे। ध्वनि एवं संगीत संचालन ज्योति सिंह जैनी और मेकअप व विशेष सहयोग डॉ.अजय कुमार शर्मा और यशूदास का रहा।