गुरु नानक देव का आगमन सूर्य के प्रकाश की भांति था
भारतीय इतिहास संकलन समिति कुरुक्षेत्र की ओर से प्रदेश संगठन सचिव कुलदीप चंद गुप्ता के सानिध्य में श्री गुरु नानक देव के 550वें वर्ष के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य विश्वकर्मा मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया गया
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: भारतीय इतिहास संकलन समिति कुरुक्षेत्र की ओर से प्रदेश संगठन सचिव कुलदीप चंद गुप्ता के सानिध्य में श्री गुरु नानक देव के 550वें वर्ष के प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य विश्वकर्मा मंदिर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुरु नानकदेव के जीवन के विरले कार्यकलापों, घटनाओं और शिक्षाओं का भारतीय मानस पर प्रभाव की विवेचना की गई। मुख्य वक्ता डॉ.जसवंत सिंह, मेहर चंद्र धीमान व अन्य वक्ताओं ने गुरु महाराज के असाधारण चमत्कारिक व्यक्तित्व, उनके मानवतावादी, वैज्ञानिक, व्यावहारिक और क्रांतिकारी विचारों का उल्लेख किया। बताया कि मध्यकालीन भारत के रूढ़ीवादी मान्यताओं, अंधविश्वास से ग्रस्त और विदेशी आक्रमणकारियों के अत्याचारों से त्रस्त समाज में गुरु नानक का आगमन प्रात: काल के सूर्य के प्रकाश की भांति था। बताया कि किस प्रकार इनसे सामाजिक वैमनस्यता, डर और हिसा दूर हुई और लोगों मे भाईचारा बढ़ा और प्रेम का संचार हुआ। इस अवसर पर योगेश कुमार, सुंदर लाल, राम दास रोड़, डॉ.सुभाष, हरप्रीत सिंह, धर्मपाल शास्त्री उपस्थित रहे।