शिल्प मेले में सजा थाइलैंड का शिल्प
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में थाइलैंड से पहुंचे शिल्पकारों ने भी तीन स्टाल सजाए हैं। इन स्टालों पर महिलाओं के लिए पर्स चाबी के छल्ले रंग-बिरंगी लाइटें और घर की सजावट के लिए कई तरह के सामान सजाए गए हैं। शिल्प मेले में पहुंचने वाले पर्यटकों के कदम इन स्टालों पर आकर ठहर रहे हैं। इन स्टालों पर बिक्री के लिए थाइलैंड के छाते और हाथ से हवा करने के रंग-बिरंगे पंखे भी हैं।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में थाइलैंड से पहुंचे शिल्पकारों ने भी तीन स्टाल सजाए हैं। इन स्टालों पर महिलाओं के लिए पर्स, चाबी के छल्ले, रंग-बिरंगी लाइटें और घर की सजावट के लिए कई तरह के सामान सजाए गए हैं। शिल्प मेले में पहुंचने वाले पर्यटकों के कदम इन स्टालों पर आकर ठहर रहे हैं। इन स्टालों पर बिक्री के लिए थाइलैंड के छाते और हाथ से हवा करने के रंग-बिरंगे पंखे भी हैं। इतना ही नहीं महिलाओं के लिए घर में काम आने की कई आइटम इन स्टालों पर सजी हुई हैं। पर्यटकों को भी यह आइटम खूब भा रही हैं और वह उत्सुकता से इनके बारे में जानकारी ले रहे हैं। विश्वभर के कई देशों रहती है उनके सामान की डिमांड
थाइलैंड के यह शिल्पकार विश्व के कई देशों में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेलों में अपनी दुकानें सजाते रहते हैं। कुरुक्षेत्र अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचे काय ने कहा कि थाइलैंड से वह छह लोग पहुंचे हैं। इससे पहले वह नई दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले ट्रेड फेयर में अपनी दुकानें लगाते रहे हैं, वहीं से उन्हें कुरुक्षेत्र में ब्रह्मासरोवर के घाटों पर लगने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के शिल्प मेले की जानकारी मिली थी। इसके चलते वह पहली बार कुरुक्षेत्र आए हैं। भा रही है कुरुक्षेत्र की फिजा
उन्होंने कहा कि धर्मनगरी की फिजा उन्हें बेहद अच्छी लगी। ब्रह्मासरोवर तट पर लगने वाला यह मेला भी आकर्षक है। मेले में पहुंचने वाले लोगों की भीड़ को देखकर वह गदगद हैं। उनके साथ आई महिला किम ने कहा कि उनके पास कई तरह के सामान हैं। वह ज्यादातर दैनिक कार्यों में उपयोगी सामान को सजावटी बनाते हैं। इसी के चलते महिलाओं के लिए उपयोग होने वाली कई आइटम ऐसी हैं जिन्हें उन्होंने अलग-अलग रंग और डिजाइन से सजा रखा है।