बेहतर समाज के निर्माण में शिक्षक की अह्म भूमिका : सचदेवा
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि बेहतर समाज के निर्माण में शिक्षक की अह्म भूमिका है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि बेहतर समाज के निर्माण में शिक्षक की अह्म भूमिका है। एक शिक्षक को हमेशा समय के अनुसार अपडेट रहना चाहिए।
उन्होंने ये बात वीरवार को कुवि के मानव संसाधन विकास केंद्र और शिक्षा विभाग की ओर से चलाए जा रहे ऑनलाइन गुरु दक्षता कार्यक्रम के समापन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक को अपने आपको विकसित करने, पुनर्निवेश करने और पुनर्जीवित करने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को रोजगार पैदा करने वाला होना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि श्रेष्ठ समाज निर्माण में अपना योगदान प्रदान करें। आज के दौर के नए शोध क्षेत्रों जैसे रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंटरनेट आफ थिग्स, आटोनोमस व्हीकल, क्वांटम कंप्यूटिग, बायोटेक्नॉलोजी, नैनो टेक्नॉलोजी जैसे क्षेत्रों में हम बेहतर कर सकते हैं। शिक्षा विभाग की प्रो. सुषमा शर्मा ने शारीरिक विकलांगता से संबंधित समस्याएं, विकास और सहायतार्थ सरकारी योजनाओं, विभिन्न संस्थानों के बारे में बताया। उन्होंने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 पर भी प्रकाश डाला। मानव संसाधन विकास केंद्र की निदेशक प्रो. नीरा वर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में हर स्तर का विषय बहुत उचित था। सभी वक्ता अपने-अपने क्षेत्र में विद्वान थे, जिससे प्रतिभागियों का ज्ञान अर्जन हुआ। इस कार्यक्रम मे शिक्षा पद्धति, राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली 2020, विकलांग छात्र छात्राओं के लिए सरकारी योजनाएं, अनुसंधान कार्य, कोरोना के समय में सेहत का ध्यान, छात्र और शिक्षकों के जीवन में सकारात्मक की महत्वता, ई-लर्निंग, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस जैसे विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत करवाए गए। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी सहयोगियों को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में एक माह के भीतर भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों की ओर से 101 व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी दिल्ली के उपकुलपति डा. आरपी दास ने में शिक्षकों को चाणक्य कहकर संबोधित किया तथा वर्तमान में शिक्षकों की भूमिका पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस मौके पर डा. वंदना राणा सोवन, डा. बत्रा, डा. आनंद कुमार, समीर, विनीता व विजयपाल मौजूद रहे।