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सुरजेवाला ने निर्मल सिंह की खातिर वोट, खुद के लिए मागी चौधर

कैथल के गाव मानस में काग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह के लिए वोट मांगे। अपने लिये चौधर।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 May 2019 06:02 AM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 06:40 AM (IST)
सुरजेवाला ने निर्मल सिंह की खातिर वोट, खुद के लिए मागी चौधर
सुरजेवाला ने निर्मल सिंह की खातिर वोट, खुद के लिए मागी चौधर

फोटो नं.- 101

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फोटो कैप्शन - कैथल के गाव मानस में काग्रेस प्रत्याशी निर्मल सिंह के लिए वोट की अपील करते रणदीप सुरेजवाला और नूर सरवारा- जागरण

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तोल के बोल

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-निर्मल सिंह की छोटी बेटी नूर सरवारा के साथ किया प्रचार

-बोले, 30 विधायक मेरे बने तो चौधर कैथल में ला दूंगा

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पंकज आत्रेय, कैथल

काग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रत्याशी निर्मल सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान 'मन की बात' बयां कर डाली। वह रविवार को मानस गांव में निर्मल सिंह की छोटी बेटी नूर सरवारा के साथ वोट मागने पहुंचे थे। नूर ने ग्रामीणों को यह कहकर पिता के लिये वोट मांगे कि वे मजबूत नेता हैं और उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। उनके बाद सुरजेवाला ने लोगों को उत्तरी हरियाणा में चौधर का हवाला देकर निर्मल सिंह को वोट करने की अपील की। बोले, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, यमुनानगर, अंबाला, जींद, पंचकूला और कालका से चुने गए लगभग 30 विधायक ही सरकार बनाते हैं। वर्तमान में मुझे छोड़कर 29 एमएलए भाजपा को दे दिए। बंसीलाल की भिवानी, भजनलाल की हिसार और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रोहतक में चौधर के जलवे का उदाहरण देते हुए सुरेजवाला ने कहा कि जिस दिन इन तीनों नेताओं की तरह उनके कहने से यह 30 विधायक बन जाएंगे, उस दिन राज यहा लाकर खड़ा कर दूंगा। असल में यह लड़ाई चौधर की भी है। लीडर के साथ ही इलाका आगे बढ़ता है और लीडर इलाके के साथ बढ़ता है। बंसीलाल के स्वर्गवास के बाद भिवानी कमजोर हो गया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा देवीलाल से चुनाव हारे, फिर लोगों ने हाथ बाधकर उन्हें तीन बार जितवाया। नतीजा यह हुआ कि वे पार्टी के अध्यक्ष बने और फिर दो बार मुख्यमंत्री। यह फैसला तो इलाके को करना है कि चौधर कहा देनी है?

रणदीप ने कहा कि अगर मुझे नरवाना वाले मौका न देते तो पूरे देश में काम करने का अवसर न मिलता। हरियाणा की सरकार में सबसे बड़ा वजीर न बनता। कैथल ने बुरे वक्त में मौका दिया तो मेरी आवाज पूरे देश में गूंजती है। मेरे अंदर 100 कमिया निकालिए, लेकिन साढ़े नौ हजार एमएलए और हजार सासदों में

मैं अकेला ऐसा आदमी हूं जो नरेंद्र मोदी के आगे छाती अड़ाकर लड़ा हूं। जिस दिन राहुल गाधी प्रधानमंत्री बनेंगे, मैं उनकी कलम पकड़कर लिखवाने का दम रखता हूं।

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निर्मल सिंह ने सौंपी चाबी

सुरजेवाला ने कहा कि निर्मल सिंह ने 30 साल पहले उत्तरी हरियाणा की आवाज बुलंद की थी। जब राहुल गाधी ने उन्हें टिकट देकर भेजा तो उन्होंने मुझे प्रदेश की चाबी सौंपते हुए कहा कि दिल्ली मैं संभालूंगा और हरियाणा में घूम-घूम कर लड़ाई तुम लड़ना। एक बार ताकत लगाकर इनको यह तो दिखाएं कि राज का स्वाद क्या होता है? जिस दिन निर्मल सिंह सासद बनकर यहा से जाएंगे, वे राजकुमार सैनी की तरह भाइयों को नहीं लड़वाएंगे, वह भाजपा की तरह आपस में तोड़फोड़ भी नहीं करेंगे, बल्कि सबकी आवाज बनेंगे।

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खुद को बताया संकटमोचक

सुरजेवाला ने कलायत, सौंगरी गुलियाना, पबनावा, रेवाड़ी, सिरसा, अंबाला में हुए जातीय झगड़ों को शातिपूर्ण निपटाने का श्रेय लेते हुए कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरह प्रदेश को जलवाया नहीं। 10 साल तक उन्होंने पूरे प्रदेश को मुट्ठी में बाधकर रखा। कहीं कोई झगड़ा नहीं होने दिया।

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मा का जिक्र किया

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, मेरी मा ने कहा कि यू मोदी तो पुश्तैनी जमीन का भी किराया देगा, थाम तो नीं दिया करते थे। अब सच्चाई सामने आ गई तो मैंने अपनी मा से पूछा। ईब मेरी मा नै पता लाग्या। जो झूठ बोलता है वह सुथरा लगता है।


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