स्ट्राइव प्रोजेक्ट देगा जिले को नई दिशा, तीन औद्योगिक क्लस्टर होंगे पंजीकृत
भारत सरकार का स्ट्राइव प्रोजेक्ट जिले के युवाओं को उद्योगों के क्षेत्र में नई दिशा में लेकर जाएगा। इसके अंतर्गत नवीनतम टैक्नोलोजी पर आधारित अत्याधुनिक उपकरणों पर प्रशिक्षण प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध होगी और शिक्षुता कर रहे युवाओं के कौशल और दक्षता में उद्योगों की मांग अनुसार निखार आएगा। युवाओं के वेतन में भी स्किल के अनुसार बढ़ौतरी होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। अप्रेंटिसशिप स्कीम को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भारत सरकार का स्ट्राइव प्रोजेक्ट जिले के युवाओं को उद्योगों के क्षेत्र में नई दिशा में लेकर जाएगा। इसके अंतर्गत नवीनतम टैक्नोलोजी पर आधारित अत्याधुनिक उपकरणों पर प्रशिक्षण प्रदान करने की सुविधा उपलब्ध होगी और शिक्षुता कर रहे युवाओं के कौशल और दक्षता में उद्योगों की मांग अनुसार निखार आएगा। युवाओं के वेतन में भी स्किल के अनुसार बढ़ोतरी होने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। अप्रेंटिसशिप स्कीम को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।
डीसी धीरेंद्र खडगटा ने इसको लेकर सोमवार को अपने कार्यालय में उद्योग समूहों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की महत्वाकांक्षी स्ट्राइव प्रोजेक्ट के तहत जिले में तीन औद्योगिक कलस्टर को पंजीकृत किया जाएगा। इसके लिए उद्योग समूहों से अप्र्रेंटिसशिप स्कीम के प्रोत्साहन के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसमें 30 जुलाई तक आवेदन किया जा सकता है। इन उद्योग समूहों में सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत सोसाइटी, ट्रस्ट या कंपनी एक्ट के सेक्शन-8 में पंजीकृत संस्था और वैधानिक तौर पर त्रिपक्षीय एग्रीमेंट व कांट्रेक्ट साइन करने में सक्षम हों। यह त्रिपक्षीय समझौता भारत सरकार, राज्य सरकार व उद्योग समूह के बीच होगा। एक उद्योग समूह में कम से कम 20 उद्योगों का सदस्य के तौर पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। वे तभी ग्रांट के पात्र होंगे। एक उद्योग समूह में 40 अप्रेंटिसशिप सीट उपलब्ध होनी अनिवार्य होगी। उद्योग समूह के आधे सदस्यों का एमएसएमई के नियमानुसार पंजीकृत होना अनिवार्य होगा।
केपीआइ विश्लेषण करेगी
उन्होंने कहा कि उद्योग समूह की प्रगति के विश्लेषण के लिए केपीआइ (की-प्रर्फोमेंस इंडिकेटर) निर्धारित किए जाएंगे। स्कीम का मुख्य उद्देश्य उद्योग समूहों में कार्य कर रहे स्टाफ व उद्योगों की कार्य क्षमता को बढ़ावा देना होगा। उद्योगों और अप्रेंटिस के बीच अप्रेंटिसशिप कांट्रेक्ट प्रस्ताव के अनुसार साइन किए जाएंगे। आइटीआइ के प्रधानाचार्य भूपेंद्र पाल सिंह ने कहा कि पात्र आवेदन करने वाले व्यक्ति को ग्रांट एग्रीमेंट साइन करने पर 40 प्रतिशत राशि मिलेगी और तीन साल का टारगेट पूरा करने पर 20 प्रतिशत राशि मिलेगी। इस मौके पर जिला उद्योग केंद्र की उपनिदेशक सुषमा बवेजा, जिला रोजगार अधिकारी डा. नीरज जिदल, पीएनबीआरसेटी के निदेशक केएल टोबला, हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रधान राजेंद्र सिघल, महासचिव डा. नरेंद्र गुप्ता व इंडस्ट्रियल एसोसिएशन सेक्टर-2 के प्रधान सुरेश कुमार मौजूद रहे।