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दिल्ली से जुड़े हैं नशा तस्करी के रैकेट के तार

इस्माईलाबाद ठसका मीरां जी गांव में नशीली गोलियों का रैकेट यदि नहीं पकड़ा जाता तो इसकी सप्लाई कई जिलों में होनी थी। इसके लिए पूरी योजना आरोपितों ने पहले से ही बनाई हुई थी। इस धंधे से मोटे मुनाफे का ताना बाना बुना गया था। इस धंधे के तार दिल्ली से जुड़े हुए थे। एंटी नारकोटिक्स सेल की एसटीएफ ने समय रहते आरोपियों को दबोच लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 07:20 AM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 07:20 AM (IST)
दिल्ली से जुड़े हैं नशा तस्करी के रैकेट के तार
दिल्ली से जुड़े हैं नशा तस्करी के रैकेट के तार

डीसी शर्मा, इस्माईलाबाद : ठसका मीरां जी गांव में नशीली गोलियों का रैकेट यदि नहीं पकड़ा जाता तो इसकी सप्लाई कई जिलों में होनी थी। इसके लिए पूरी योजना आरोपितों ने पहले से ही बनाई हुई थी। इस धंधे से मोटे मुनाफे का ताना बाना बुना गया था। इस धंधे के तार दिल्ली से जुड़े हुए थे। एंटी नारकोटिक्स सेल की एसटीएफ ने समय रहते आरोपियों को दबोच लिया। गांव के लोग भी सन्न हैं कि गांव में इतना बड़ा रैकेट चल रहा था।

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जिले में नशे की चपेट में आने वाले गांवों में से एक नाम ठसका मीरां जी गांव का अकसर सामने आता रहा है। इस गांव में कभी नशीले पदार्थ बिकते थे। इसके बाद अवैध शराब में नाम चलता रहा। अब नशीली गोलियों की खेप गांव से मिलने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस गांव से एंटी नारकोटिक्स सेल की एसटीएफ ने 66 हजार 240 नशीली गोलियां बरामद कीं हैं। इसके साथ ही 40 पेटी अवैध शराब जब्त की। इनकी खपत आसपास के जिलों में की जानी थी। सूत्रों के अनुसार, वर्तमान दौर में हरियाणा व पंजाब में नशीले पदार्थो का धंधा करने वाले पुलिस के राडार पर चल रहे हैं। ऐसे में नशेड़ी गोलियों का सहारा लेने लगे हैं। इस गांव से भी यह गोलियां नशेड़ियों तक पहुंचाई जानी थीं। इसके लिए पूरी योजना तैयार की हुई थी। मामले में दबोचे गांव के दो आरोपितों कालू व धर्मपाल ने कई हैरतअंगेज खुलासे किए हैं। पता चला है कि इन गोलियों को पहले से ही चिन्हि्त ठिकानों पर पहुंचाया जाना था।पंजाब पुलिस भी इस्माईलाबाद के आसपास के गांवों में लगातार दबिश देती आई है। पुलिस के अनुसार, इस इलाके से ही पंजाब की ओर नशीली गोलियों को पहुंचाया जाता है। आरोपितों में से एक लुधियाना तक मशहूर

गांव में पंजाब के लोग आते थे तो गूंगे डॉक्टर का पता पूछते थे। आरोपी कालू इसी नाम से मशहूर है। इसका डॉक्टर के पेशे से कोई लेना देना नहीं है। बस नशीली गोलियों ने डॉक्टर बनाया हुआ था। जुबान से कुछ भी न बोलने वाला यह आरोपी मोटा कारोबार करता रहा है। वह नशीले पदार्थों के धंधे में कई बार जेल की यात्रा कर चुका है। दूसरा आरोपित भी गांव का है अभी ही धंधे से जुड़ा था। युवा पीढ़ी को बचाएंगे : सरपंच

गांव के सरपंच दिलबाग सिंह गुराया सालों से गांव में नशे से दूर रहने की अलख जगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि इस रैकेट के पकड़े जाने से गांव की युवा पीढ़ी बच जाएगी। उन्होंने कहा कि अब गांव को नशा मुक्त करने की मुहिम रंग लाएगी। गांव से शराब का ठेका और अवैध खुर्दे उठवा दिए गए हैं।


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