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हड़ताली कर्मचारियों ने किया सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का खुला ऐलान

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार के साथ बातचीत विफल रहने पर रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम हड़ताल को तीन दिन और आगे बढ़ा दिया है। हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार पर बेरुखी का आरोप लगाते हुए सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का खुला ऐलान किया है। हड़ताल पर जमे कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करेगी, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 12:34 AM (IST)Updated: Tue, 23 Oct 2018 12:34 AM (IST)
हड़ताली कर्मचारियों ने किया सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का खुला ऐलान
हड़ताली कर्मचारियों ने किया सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का खुला ऐलान

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार के साथ बातचीत विफल रहने पर रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम हड़ताल को तीन दिन और आगे बढ़ा दिया है। हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार पर बेरुखी का आरोप लगाते हुए सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का खुला ऐलान किया है। हड़ताल पर जमे कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करेगी, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। दूसरी ओर जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए 38 चालकों और प्रदेश सरकार की ओर से भेजे गए अगस्त माह में हुई भर्ती के 11 चालकों के काम संभालने के बाद सोमवार को लगभग 40 बसों को सड़कों पर उतारा गया। लेकिन परिचालकों की कमी के चलते इन बसों में यात्रियों से किराया वसूलने के लिए होम गार्ड के जवानों की ड्यूटी लगाई गई हैं। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को तालमेल कमेटी के नेता हरिनारायण शर्मा ने कहा कि सरकार अपनी जिद पर अड़ी हुई है। कर्मचारियों की सुनवाई न होने पर उन्होंने हड़ताल को तीन दिन और जारी रखने का एलान किया है। यूनियन के नेता नवीन शर्मा ने कहा कि सरकार के इशारे पर रोडवेज को घाटा पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। रोडवेज की जो बसें सड़कों पर उतारी जा रही हैं, इनमें वसूले जाने वाले किराये का कोई हिसाब-किताब नहीं है। सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि एसकेएस से संबंधित सभी विभागों के कर्मचारी संगठन रोडवेज के हड़ताली कर्मचारियों के साथ हैं। बगैर टिकट ही किराया वसूल रहे होम गार्ड के जवान

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रोडवेज की बसों में परिचालकों की जिम्मेदारी होम गार्ड को सौंपी गई है। होम गार्ड के जवान यात्रियों से अंदाज से किराया वसूल रहे हैं। इन्हें रोडवेज की ओर टिकट नहीं दी जा रही है। ऐसे में दिन भर में जितनी भी रकम एकत्रित होती है, वह शाम को काउंटर पर जमा करवा दी जाती है।


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