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किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार..

कुरुक्षेत्र । किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार किसी का दर्द ले सके तो ले उधार जीना इसी का नाम है..।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:50 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:50 AM (IST)
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार..
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार..

विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र : किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार, किसी का दर्द ले सके तो ले उधार, जीना इसी का नाम है..। गाने की इन्हीं लाइनों को प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक जयभगवान सिगला असल में जी रहे हैं। आज जहां कुछ बच्चों को अपने माता-पिता भी बोझ लगने लगते हैं वहीं जयभगवान सिगला हैं जो 18 बुजुर्गों का आसरा बने हुए हैं। उन्होंने 28 साल पहले प्रेरणा वृद्धाश्रम की नींव रखी और अपने माता-पिता की तरह उन्हें मान-सम्मान व प्रेम देकर उनका आशीर्वाद ले रहे हैं। वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों की जितनी दुआएं जयभगवान सिगला के लिए निकलती हैं उतनी शायद ही अपने बच्चों के लिए निकलती हों। क्योंकि उम्र के जिस पड़ाव में उनके बच्चों ने साथ छोड़ दिया या वे निभा नहीं पाए। उस समय जयभगवान सिगला ने उनका कांपता हुआ हाथ थामा और प्रेम भरे वातावरण में ले आए।

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28 का हुआ प्रेरणा वृद्धाश्रम

जयभगवान सिगला ने 1992 में बुजुर्गाें की सेवार्थ प्रेरणा वृद्धाश्रम की नींव रखी थी। जिस सेवा में वे अकेले चले थे उनके पीछे-पीछे बड़ी संख्या में लोग आते चले गए और एक बड़ा कारवां बन गया। उन्होंने वृद्धाश्रम में न केवल बुजुर्गों के लिए माकूल वातावरण देने का ध्यान रखा बल्कि वृद्धाश्रम में ही मंदिर, शहीद स्मारक, मनोरंजन के लिए हॉल, हरा-भरा बगीचा भी बनाया, ताकि बुजुर्गों को किसी चीज के लिए भटकना न पड़े। उन्हें सारी सुविधाएं वृद्धाश्रम में ही मिल जाए। पेशे से चावल के व्यापारी जयभगवान सिगला अपना ज्यादातर समय इन्हीं बुजुर्गों के साथ बिताते हैं। पत्नी से लेकर पोता-पोती का जन्मदिन और सालगिराह यहीं

संस्थापक जयभगवान सिगला न केवल खुद का बल्कि पत्नी आशा सिगला, बेटा-बहू, बेटी और पोता-पोती व पूरे परिवार का जन्मदिन, सालगिराह बुजुर्गों के साथ ही मनाते हैं। उन्होंने अकेले रह रहे बुजुर्गों को खुशियां बांटने का एक ओर अभियान चला रखा है। जिनके बच्चे विदेश या कहीं दूर पढ़ाई, नौकरी या शादी के बाद चले जाते हैं। ऐसे अकेले बुजुर्गों के घर वे जन्मदिन व सालगिरह पर अपनी टीम के साथ केक लेकर पहुंच जाते हैं और बड़े उत्साह के साथ उनका जन्मदिन मनाते हैं। संस्था में अध्यक्ष रेणू खुग्गर भी उनके इस अभियान में पूरी शिद्दत के साथ जुड़ी हुई हैं।


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