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स्मॉग से खिलाड़ियों की भी फूल रहीं सांसें

स्मॉग का दुष्प्रभाव खिलाड़ियों पर भी पड़ रहा है। इसके चलते खिलाड़ी खुले मैदान में प्रैक्टिस करने से बच रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 08:20 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 08:20 AM (IST)
स्मॉग से खिलाड़ियों की भी फूल रहीं सांसें
स्मॉग से खिलाड़ियों की भी फूल रहीं सांसें

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश की हवा को साथ लगते पंजाब के किसान ज्यादा प्रदूषित कर रहे हैं। पड़ोसी प्रदेश में रात होते ही खेतों में खड़े फानों में आग लगाई जा रही है। यही कारण है कि दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स कुछ ठीक रहता है, लेकिन जैसे ही अंधेरा होना शुरू होता है तो वायु प्रदूषण बढ़ने लगता है।

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पिहोवा से पटियाला के लिए निकलते ही यह स्थिति साफ दिखाई देती है, जहां खेतों से उड़ता हुआ धुआं साफ दिखाई दे जाता है। यही वजह है कि रात होते ही वायु में पार्टिकुलेट मैटर बढ़ने लगता है। मंगलवार को भी तापमान की तरह हवा की क्वालिटी में पार्टिकुलेट मैटर का उतार चढ़ाव जारी रहा। दिन के समय जहां धूप निकलने के बाद वायु प्रदूषण कम हुआ वहीं सुबह यह ज्यादा था।

पर्यावरण प्रदूषण ने बच्चों से लेकर खिलाड़ियों तक को इनडोर खेलने पर विवश कर दिया है। एक तरफ जहां स्मॉग की वजह से स्कूलों में छुट्टी करनी पड़ी। वहीं खेल मैदान में भी खिलाड़ियों की खेलने की क्षमता पर असर पड़ रहा है। न्यूनतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 132, अधिकतम 554

दिन में दोपहर के समय एयर क्वालिटी इंडेक्स 132 तक आ गया। मौसम साफ हो गया, जिसके बाद लोगों ने इसका शुक्र मनाया। वहीं मगर सुबह के समय यह 554 रहा। जबकि जैसे-जैसे सायं होती रही एयर क्वालिटी इंडेक्स भी बढ़ता रहा। स्मॉग का प्रभाव अंधेरा होते ही शुरू हो जाता है। इसकी वजह से आंखों में जलन शुरू हो जाती है और लोगों को समझ आ जाता है कि वायु प्रदूषण फिर से बढ़ गया है। इनके बारे में भी जानना जरूरी

पार्टिकुलेट मैटर 2.5 के अलावा पार्टिकुलेट मैटर 10 की अगर बात करें तो वह 78 और 708 अधिकतम दर्ज किया गया। ऑक्सीजन 34, एनओ-टू 44, एसओ-2 55, सीओ 35 रही। जबकि आ‌र्द्रता न्यूनतम 32 और अधिकतम 93 रही। वायु की न्यूनतम गति दो और अधिकतम गति चार किलोमीटर प्रति घंटा रहा। खिलाड़ियों के खेलने की क्षमता घटी: कोच अजीत

फोटो संख्या : 9

बीपीआर टेनिस एकेडमी कुरुक्षेत्र के कोच अजीत सिंह ने बताया कि स्मॉग की वजह से एक तो एकेडमी में खेलने के लिए आने वाले बच्चों की संख्या में कमी आई है। वहीं दूसरी तरफ खिलाड़ियों की क्षमता भी घटी है। स्मॉग के चलते खिलाड़ी ज्यादा भाग दौड़ नहीं कर पा रहे हैं। टेनिस में ज्यादा उछल कूद करनी पड़ती है, लेकिन स्मॉग की वजह से ज्यादा सांस फूल जाती है।


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